पाखंडी सरकार
है कहाँ मंदिर
कहाँ है भगवान तेरा प्यारे
साल भर तूने चढ़ाया
सर्वस्व जहाँ प्यारे ।
रो रहा है देश
सो रहा है नेतृत्व
कहा गया भगवान
जो आँसू पौंछ दे सारे ।
हाथो में छाले पड़े हैं
जल्लाद भी अब थक गए हैं
प्राणवायु भी नही है
गिर रहें है आंखों के तारे ।
लगाओ कुम्भ
बनाओ मंदिर
करो चुनावी रैली
मर रहा है देश
संसाधन खत्म हो गए सारे ।