Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Feb 2021 · 1 min read

पाँव फिर से जी उठे हैं

जब मिलीं दो युगल आँखें
अधर पर मुस्कान धर के।
गा उठे टूटे हृदय के
भ्रमर मधुरिम तान भर के।

सर झुकाकर दासता
स्वीकार की अधिपत्य ने।
गर्मजोशी जब परोसी
अतिथि को आतिथ्य ने।

यूँ लगा रूखे शहर में
गाँव फिर से जी उठे हैं।
????????

किंशुकों की कल्पना में
कंटकों से घिर चुके थे।
पत्थरों की ठोकरों से
लड़खड़ाकर गिर चुके थे।

फूल जब चुभने लगे थे घाव
डरने से लगे थे।
फिर सफर के प्रबल आशा भाव
मरने से लगे थे।

तुम बने अवलम्ब जब से
पाँव फिर से जी उठे हैं।
????????

लब्धि का प्रारब्ध के संग
द्वन्द्व जब पर्याप्त देखा।
एक मरुथल मित्रता के
चक्षुओं में व्याप्त देखा।

मरुथलों के ढेर दिखते
रहे हर सम्बन्ध में।
तब कहीं तुम आ मिले
सम्बन्ध के अनुबंध में।

मरुथलों में आश्रयों के
ठांव फिर से जी उठे हैं।।
????????

प्रीत पर सर्वस्व बरबस
वार बैठे हैं।
प्रीत की नव रीत पर हिय
हार बैठे हैं।

हारकर हिय प्रिय स्वजन की
जीत यों साकार की है।
जीत कर भी प्रीत हित में
हार भी स्वीकार की है।

हार में भी जीत वाले
दाँव फिर से जी उठे हैं।।
???????

एक था मझधार का डर
दूसरा जर्जर शिकारा।
थीं थपेड़ेदार लहरें
दूर लगता था किनारा।

शून्य होती चेतना को
यूँ लगा तुमने पुकारा।
डूबते को मिल गया ज्यों
एक तिनके का सहारा।

अनगिनत जलपोत कश्ती
नाव फिर से जी उठे हैं।।

-संजय नारायण

Language: Hindi
Tag: गीत
3 Likes · 422 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
What consumes your mind controls your life
What consumes your mind controls your life
पूर्वार्थ
जाकर वहाँ मैं क्या करुँगा
जाकर वहाँ मैं क्या करुँगा
gurudeenverma198
गुलों पर छा गई है फिर नई रंगत
गुलों पर छा गई है फिर नई रंगत "कश्यप"।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
बरस  पाँच  सौ  तक रखी,
बरस पाँच सौ तक रखी,
Neelam Sharma
*प्यार का मतलब नहीं बस प्यार है(हिंदी गजल/ गीतिका)*
*प्यार का मतलब नहीं बस प्यार है(हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
तंग जिंदगी
तंग जिंदगी
लक्ष्मी सिंह
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Exam Stress
Exam Stress
Tushar Jagawat
खरगोश
खरगोश
SHAMA PARVEEN
"चारपाई"
Dr. Kishan tandon kranti
योग न ऐसो कर्म हमारा
योग न ऐसो कर्म हमारा
Dr.Pratibha Prakash
सत्य
सत्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गौरैया दिवस
गौरैया दिवस
Surinder blackpen
देने तो आया था मैं उसको कान का झुमका,
देने तो आया था मैं उसको कान का झुमका,
Vishal babu (vishu)
आप अपना
आप अपना
Dr fauzia Naseem shad
धन्य सूर्य मेवाड़ भूमि के
धन्य सूर्य मेवाड़ भूमि के
surenderpal vaidya
किसी तरह मां ने उसको नज़र से बचा लिया।
किसी तरह मां ने उसको नज़र से बचा लिया।
Phool gufran
Wishing you a very happy,
Wishing you a very happy,
DrChandan Medatwal
मैं उन लोगो में से हूँ
मैं उन लोगो में से हूँ
Dr Manju Saini
सेवा या भ्रष्टाचार
सेवा या भ्रष्टाचार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मैं तुम्हारे बारे में नहीं सोचूँ,
मैं तुम्हारे बारे में नहीं सोचूँ,
Sukoon
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
साथी है अब वेदना,
साथी है अब वेदना,
sushil sarna
शोख लड़की
शोख लड़की
Ghanshyam Poddar
कविता: सजना है साजन के लिए
कविता: सजना है साजन के लिए
Rajesh Kumar Arjun
ज़िंदगी
ज़िंदगी
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
क्या होगा लिखने
क्या होगा लिखने
Suryakant Dwivedi
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
तेवरीः तेवरी है, ग़ज़ल नहीं +रमेशराज
तेवरीः तेवरी है, ग़ज़ल नहीं +रमेशराज
कवि रमेशराज
Loading...