Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Apr 2018 · 1 min read

पहाड़ी दर्द

दिल के जज्बातों को आखिर दबाओगे कब तक ।।
छोड़ अपने गांवों को शहर बसाओगे कब तक।।

बहुत बढ़ चली है भीड़ शहरों की गलियों में।
इस भीड़ में खुद को तलाश पाओगे कब तक।।

प्रदूषण की मार से हाल बेहाल है हर शहरी का।
इस प्रदूषण को और झेल पाओगे कब तक ।।

नदी के बेग सी चलती हैं रफ्तार से गाड़ियां।
रफ्तार की रफ्तार खेल पाओगे कब तक।।

बहुत महंगी फीस है शहर के स्कूलों की ।
छोटी सी नौकरी में चुका पाओगे कब तक।।

छोटी रिहायश में रहने को मजबूर जिंदगी।
यों घुट- घुट कर रह पाओगे कब तक ।।

बहुत छोटा दायरा है इंसानियत का यहां।
इस घुटन में आखिर घुट जाओगे कब तक।।

दर्द पलायन का बहुत है पहाड़ियों हमको।
पूछे ” सोबन” फिर गांव वापस आओगे कब तक।।

5 Likes · 1414 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुस्कराहटों के पीछे
मुस्कराहटों के पीछे
Surinder blackpen
हाइपरटेंशन
हाइपरटेंशन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"पहचान"
Dr. Kishan tandon kranti
कल चमन था
कल चमन था
Neelam Sharma
बचपन याद किसे ना आती💐🙏
बचपन याद किसे ना आती💐🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"बेटी और बेटा"
Ekta chitrangini
दोहा -स्वागत
दोहा -स्वागत
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"सुप्रभात "
Yogendra Chaturwedi
हम ऐसी मौहब्बत हजार बार करेंगे।
हम ऐसी मौहब्बत हजार बार करेंगे।
Phool gufran
👍👍👍
👍👍👍
*Author प्रणय प्रभात*
मेरी जन्नत
मेरी जन्नत
Satish Srijan
* हासिल होती जीत *
* हासिल होती जीत *
surenderpal vaidya
****प्रेम सागर****
****प्रेम सागर****
Kavita Chouhan
देशभक्त मातृभक्त पितृभक्त गुरुभक्त चरित्रवान विद्वान बुद्धिम
देशभक्त मातृभक्त पितृभक्त गुरुभक्त चरित्रवान विद्वान बुद्धिम
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
मेरा तुझसे मिलना, मिलकर इतना यूं करीब आ जाना।
मेरा तुझसे मिलना, मिलकर इतना यूं करीब आ जाना।
AVINASH (Avi...) MEHRA
साथ तेरा रहे साथ बन कर सदा
साथ तेरा रहे साथ बन कर सदा
डॉ. दीपक मेवाती
"मेरी जिम्मेदारी "
Pushpraj Anant
सरल मिज़ाज से किसी से मिलो तो चढ़ जाने पर होते हैं अमादा....
सरल मिज़ाज से किसी से मिलो तो चढ़ जाने पर होते हैं अमादा....
कवि दीपक बवेजा
जय हिन्द वाले
जय हिन्द वाले
Shekhar Chandra Mitra
किन्नर व्यथा...
किन्नर व्यथा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
आप प्रारब्ध वश आपको रावण और बाली जैसे पिता और बड़े भाई मिले
आप प्रारब्ध वश आपको रावण और बाली जैसे पिता और बड़े भाई मिले
Sanjay ' शून्य'
बारिश के लिए
बारिश के लिए
Srishty Bansal
चंद सिक्कों की खातिर
चंद सिक्कों की खातिर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
रंगों की सुखद फुहार
रंगों की सुखद फुहार
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
☄️ चयन प्रकिर्या ☄️
☄️ चयन प्रकिर्या ☄️
Dr Manju Saini
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
abhinandan
abhinandan
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जिंदगी जीने के लिए जिंदा होना जरूरी है।
जिंदगी जीने के लिए जिंदा होना जरूरी है।
Aniruddh Pandey
नश्वर संसार
नश्वर संसार
Shyam Sundar Subramanian
मन को आनंदित करे,
मन को आनंदित करे,
Rashmi Sanjay
Loading...