Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jan 2017 · 1 min read

पश्चाताप ( कविता)

पश्चाताप (कविता)

एक दिन सोचा मैनेें,
एकांत में बैठकर।
क्या खोया जीवन में,
और क्या पाया अब तक।
मूल्यांकन ना कर सके,
न किया विचार अब तकें।
एक ख़ुशी के इंतज़ार में,
सारी उम्र गुज़र गयीें।
जिंदगी रेत की तरह,
हाथ से फिसल गयी।
एक स्वप्न नगरी में घूमते रहे,
किसी की हाथों में हाथ डालकर।
मगर जब आँख खुली तो,
दिल बहुत रोया यह जानकर।
कैसी ख़ुशी ! कैसा साथी !,
यह तो मात्र मेरा भ्रम था।
भुला रखा था खुद को मैने,
यह मेरा कैसा पागलपन था।
जीवन के अंतिम पड़ाव में जब,
रह गए है बस चंद श्वास।
ऐसे समय में जो कुछ शेष है,
और मेरा मात्र पश्चाताप ।

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 1277 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मेरी परछाई बस मेरी निकली
मेरी परछाई बस मेरी निकली
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Phool gufran
वीर वैभव श्रृंगार हिमालय🏔️☁️🌄🌥️
वीर वैभव श्रृंगार हिमालय🏔️☁️🌄🌥️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
खुशियों की आँसू वाली सौगात
खुशियों की आँसू वाली सौगात
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"आज मैंने"
Dr. Kishan tandon kranti
Hum to har chuke hai tumko
Hum to har chuke hai tumko
Sakshi Tripathi
रंग भरी एकादशी
रंग भरी एकादशी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अतिथि देवो न भव
अतिथि देवो न भव
Satish Srijan
■ गाली का जवाब कविता-
■ गाली का जवाब कविता-
*Author प्रणय प्रभात*
बहुजनों के हित का प्रतिपक्ष रचता सवर्ण सौंदर्यशास्त्र :
बहुजनों के हित का प्रतिपक्ष रचता सवर्ण सौंदर्यशास्त्र :
Dr MusafiR BaithA
उसने
उसने
Ranjana Verma
अभी गहन है रात.......
अभी गहन है रात.......
Parvat Singh Rajput
माॅर्डन आशिक
माॅर्डन आशिक
Kanchan Khanna
रूह बनकर उतरती है, रख लेता हूँ,
रूह बनकर उतरती है, रख लेता हूँ,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
'बेटी बचाओ-बेटी पढाओ'
'बेटी बचाओ-बेटी पढाओ'
Bodhisatva kastooriya
कुछ बातें मन में रहने दो।
कुछ बातें मन में रहने दो।
surenderpal vaidya
"You are still here, despite it all. You are still fighting
पूर्वार्थ
ਮਿਲਣ ਲਈ ਤਰਸਦਾ ਹਾਂ
ਮਿਲਣ ਲਈ ਤਰਸਦਾ ਹਾਂ
Surinder blackpen
मेरा अभिमान
मेरा अभिमान
Aman Sinha
करते तो ख़ुद कुछ नहीं, टांग खींचना काम
करते तो ख़ुद कुछ नहीं, टांग खींचना काम
Dr Archana Gupta
ज़िन्दगी का रंग उतरे
ज़िन्दगी का रंग उतरे
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जिस बाग में बैठा वहां पे तितलियां मिली
जिस बाग में बैठा वहां पे तितलियां मिली
कृष्णकांत गुर्जर
कविता: स्कूल मेरी शान है
कविता: स्कूल मेरी शान है
Rajesh Kumar Arjun
थक गये चौकीदार
थक गये चौकीदार
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
दीपावली
दीपावली
डॉ. शिव लहरी
मुक्तक
मुक्तक
Er.Navaneet R Shandily
🌺प्रेम कौतुक-196🌺
🌺प्रेम कौतुक-196🌺
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मेहनतकश अवाम
मेहनतकश अवाम
Shekhar Chandra Mitra
तारों के मोती अम्बर में।
तारों के मोती अम्बर में।
Anil Mishra Prahari
*सबसे ज्यादा घाटा उनका, स्वास्थ्य जिन्होंने खोया (गीत)*
*सबसे ज्यादा घाटा उनका, स्वास्थ्य जिन्होंने खोया (गीत)*
Ravi Prakash
Loading...