Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Dec 2019 · 1 min read

पलाश

1)
पलाश सखी
सौन्दर्य के प्रतीक
आभा वसंती।

2)
लाल-लावा
दुनिया को सजाता
रंग लुटाता।

3)
पलाश आया
उपवन मुस्कारा
फागुन लाया।

4)
कोरे लम्हों पे
फूल पलाश रचे
जीवन सजे।

5) चाँद के माथे
चमकता सूरज
लगे पलाश।

6)
खिला पलाश
जंगल भरा आग
शुभ प्रकाश।

7)
टेसू से प्यार
वसंत का श्रृंगार
लाई बहार।

8)
जलते आग
जंगल में पलाश
लगते खास।

9)
प्रेम की चाह
पलाश है गवाह
बिखरे राह।

10)
सिंदूरी आभा
पत्र विहिन शाखा
फूलों से लदा।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

Language: Hindi
1 Comment · 291 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
अपनी हसरत अपने दिल में दबा कर रखो
अपनी हसरत अपने दिल में दबा कर रखो
पूर्वार्थ
श्री राम आ गए...!
श्री राम आ गए...!
भवेश
चंद्रयान
चंद्रयान
Mukesh Kumar Sonkar
"ख़्वाहिश"
Dr. Kishan tandon kranti
जब से मेरी आशिकी,
जब से मेरी आशिकी,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
राम आए हैं भाई रे
राम आए हैं भाई रे
Harinarayan Tanha
वो एक लम्हा
वो एक लम्हा
Dr fauzia Naseem shad
Best ghazals of Shivkumar Bilagrami
Best ghazals of Shivkumar Bilagrami
Shivkumar Bilagrami
ख़त आया तो यूँ लगता था,
ख़त आया तो यूँ लगता था,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
फूलों की है  टोकरी,
फूलों की है टोकरी,
Mahendra Narayan
कुछ बात करो, कुछ बात करो
कुछ बात करो, कुछ बात करो
Shyam Sundar Subramanian
मेरी नज़रों में इंतिख़ाब है तू।
मेरी नज़रों में इंतिख़ाब है तू।
Neelam Sharma
बेकसूरों को ही, क्यों मिलती सजा है
बेकसूरों को ही, क्यों मिलती सजा है
gurudeenverma198
🌼एकांत🌼
🌼एकांत🌼
ruby kumari
मां
मां
goutam shaw
फाल्गुन वियोगिनी व्यथा
फाल्गुन वियोगिनी व्यथा
Er.Navaneet R Shandily
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मैं और मेरी फितरत
मैं और मेरी फितरत
लक्ष्मी सिंह
प्रेम में पड़े हुए प्रेमी जोड़े
प्रेम में पड़े हुए प्रेमी जोड़े
श्याम सिंह बिष्ट
ना सातवें आसमान तक
ना सातवें आसमान तक
Vivek Mishra
*मूलांक*
*मूलांक*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बारिश
बारिश
Punam Pande
जब  भी  तू  मेरे  दरमियाँ  आती  है
जब भी तू मेरे दरमियाँ आती है
Bhupendra Rawat
पेंशन प्रकरणों में देरी, लापरवाही, संवेदनशीलता नहीं रखने बाल
पेंशन प्रकरणों में देरी, लापरवाही, संवेदनशीलता नहीं रखने बाल
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मार नहीं, प्यार करो
मार नहीं, प्यार करो
Shekhar Chandra Mitra
💐प्रेम कौतुक-199💐
💐प्रेम कौतुक-199💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नींद
नींद
Kanchan Khanna
तुम्हारी बातों में ही
तुम्हारी बातों में ही
हिमांशु Kulshrestha
एकता
एकता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*आए अंतिम साँस, इमरती चखते-चखते (हास्य कुंडलिया)*
*आए अंतिम साँस, इमरती चखते-चखते (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Loading...