पर्यावरण
” पर्यावरण ”
आओ मिलकर शपथ लें पर्यावरण बचाएं हम
चहुंओर हरियाली हो प्रकति को सुंदर बनाएं हम।
ताजी, ठंडी, खुली हवा मिले मन में हो खुशहाली
भारत भूमि के कण-कण में हरियाली फैलाएं हम।
हरी-हरी धरती ये प्यारी और हरे-भरे हों खेत
धरती की पावन मिट्टी लेकर बीज उगाएं हम।
नव-पल्लव अंकुरित हुए कलियाँ खिलने लगी
चमन में खिले फूलों और गुलज़ार सजाएं हम।
मंद बयार चले पुरवैया सौधी-सौधी खुशबू फैले
रंगीन है फिजायें और मौसम में बहार लाएं हम।
पेड़ काटना बंद करो न करो प्रकति से खिलवाड़
दस पेड़ लगाओ सब घर-घर में अलख जगाएं हम।
खुशनुमा वातावरण हर्षोल्लास है आज मेरा मन
हर्षित हो झूमें मन मेरा खुशियों के गीत गाएँ हम।
सुमन अग्रवाल “सागरिका”
आगरा (यू.पी )
स्वरचित