Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jun 2021 · 1 min read

*पर्यावरण और मानव*

5 जून विश्व पर्यावरण दिवस पर मनहरण घनाक्षरी रचना
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°

पर्यावरण और मानव

धरा का श्रृंगार देता, चारो ओर पाया जाता,
इसकी आगोश में ही, दुनिया ये रहती।
धूप छाँव जल नमीं, वायु वृक्ष और जमीं,
जीव सहभागिता को, पर्यावरन कहती।

पर देखो मूढ़ बुद्धि, नही रहीं नर सुधि,
काट दिए वृक्ष देखो, धरा लगे जलती।
कहीं सूखा तूफ़ां कहीं, प्रकृति बीमार रही,
मही पर मानवता, बाढ़ में है बहती।

वायु बेच देता नर, सांसों की कमीं अगर,
लाशों से भी बेच देता, भाग ठीक रहती।
किला खड़ा किया मानो,जंगलों को काटकर,
खुशहाली देखो अब, भू कम्पनों में ढहती।

भू हो रही उदास, वन दहके पलाश,
जले नर संग तरु, जब चिता जलती।
बरस जहर रहा, प्रकृति कहर रहा,
खोट कारनामों से, जल विष बहती।

वृक्ष अपने पास हों, तो दस पुत्र साथ हों,
गिरे तरु एक धरा, बड़ा दर्द सहती।
ऐसे करो नित काम, स्वस्थ बने तेरा धाम,
स्वच्छ वात्तरु जल से, धरा खुश रहती।
••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
◆अशोक शर्मा, लक्ष्मीगंज,कुशीनगर,उ.प्र.◆
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°

3 Likes · 4 Comments · 544 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हुस्न वालों से ना पूछो गुरूर कितना है ।
हुस्न वालों से ना पूछो गुरूर कितना है ।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
#drarunkumarshastri♥️❤️
#drarunkumarshastri♥️❤️
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*मेरी इच्छा*
*मेरी इच्छा*
Dushyant Kumar
लौट कर न आएगा
लौट कर न आएगा
Dr fauzia Naseem shad
बिसुणी (घर)
बिसुणी (घर)
Radhakishan R. Mundhra
खुद से ज्यादा अहमियत
खुद से ज्यादा अहमियत
Dr Manju Saini
जब सूरज एक महीने आकाश में ठहर गया, चलना भूल गया! / Pawan Prajapati
जब सूरज एक महीने आकाश में ठहर गया, चलना भूल गया! / Pawan Prajapati
Dr MusafiR BaithA
मुझ में
मुझ में
हिमांशु Kulshrestha
* मायने हैं *
* मायने हैं *
surenderpal vaidya
धीरज रख ओ मन
धीरज रख ओ मन
Harish Chandra Pande
काश तुम्हारी तस्वीर भी हमसे बातें करती
काश तुम्हारी तस्वीर भी हमसे बातें करती
Dushyant Kumar Patel
*ये उन दिनो की बात है*
*ये उन दिनो की बात है*
Shashi kala vyas
// अमर शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद //
// अमर शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
बहुतेरा है
बहुतेरा है
Dr. Meenakshi Sharma
सबसे कठिन है
सबसे कठिन है
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
पत्रकारों को पत्रकार के ही भाषा में जवाब दिया जा सकता है । प
पत्रकारों को पत्रकार के ही भाषा में जवाब दिया जा सकता है । प
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*रथ (बाल कविता)*
*रथ (बाल कविता)*
Ravi Prakash
मां
मां
Manu Vashistha
कारवां गुजर गया फ़िज़ाओं का,
कारवां गुजर गया फ़िज़ाओं का,
Satish Srijan
💐प्रेम कौतुक-159💐
💐प्रेम कौतुक-159💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नेता हुए श्रीराम
नेता हुए श्रीराम
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
शुक्र मनाओ आप
शुक्र मनाओ आप
शेखर सिंह
सिर्फ़ सवालों तक ही
सिर्फ़ सवालों तक ही
पूर्वार्थ
भाग्य - कर्म
भाग्य - कर्म
Buddha Prakash
रोटियों से भी लड़ी गयी आज़ादी की जंग
रोटियों से भी लड़ी गयी आज़ादी की जंग
कवि रमेशराज
पाया तो तुझे, बूंद सा भी नहीं..
पाया तो तुझे, बूंद सा भी नहीं..
Vishal babu (vishu)
कविता बाजार
कविता बाजार
साहित्य गौरव
आंखें
आंखें
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
यदि कोई अपनी इच्छाओं और आवश्यकताओं से मुक्त हो तो वह मोक्ष औ
यदि कोई अपनी इच्छाओं और आवश्यकताओं से मुक्त हो तो वह मोक्ष औ
Ms.Ankit Halke jha
जीवन साथी,,,दो शब्द ही तो है,,अगर सही इंसान से जुड़ जाए तो ज
जीवन साथी,,,दो शब्द ही तो है,,अगर सही इंसान से जुड़ जाए तो ज
Shweta Soni
Loading...