Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Feb 2018 · 1 min read

पनप रहा उन्माद

मंशा मे होंगे नही,…… …कामयाब गद्दार !
अफवाओं की मोड़ दी,हमने अगर बयार !!

करें उपद्रव वे कभी, करते कभी फसाद !
दिल में जिनके पाप का,पनप रहा उन्माद !!
रमेश शर्मा.

Language: Hindi
1 Like · 372 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ঐটা সত্য
ঐটা সত্য
Otteri Selvakumar
क़दर करके क़दर हासिल हुआ करती ज़माने में
क़दर करके क़दर हासिल हुआ करती ज़माने में
आर.एस. 'प्रीतम'
शाबाश चंद्रयान-३
शाबाश चंद्रयान-३
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
...
...
Ravi Yadav
अर्थ में प्रेम है, काम में प्रेम है,
अर्थ में प्रेम है, काम में प्रेम है,
Abhishek Soni
"कौन हूँ मैं"
Dr. Kishan tandon kranti
अब किसका है तुमको इंतजार
अब किसका है तुमको इंतजार
gurudeenverma198
हे मन
हे मन
goutam shaw
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
है जो बात अच्छी, वो सब ने ही मानी
है जो बात अच्छी, वो सब ने ही मानी
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दादी माँ - कहानी
दादी माँ - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आँखों का कोना एक बूँद से ढँका देखा  है मैंने
आँखों का कोना एक बूँद से ढँका देखा है मैंने
शिव प्रताप लोधी
शेष कुछ
शेष कुछ
Dr.Priya Soni Khare
कैसे कहूँ ‘आनन्द‘ बनने में ज़माने लगते हैं
कैसे कहूँ ‘आनन्द‘ बनने में ज़माने लगते हैं
Anand Kumar
दुआ सलाम
दुआ सलाम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
प्रेम की बात जमाने से निराली देखी
प्रेम की बात जमाने से निराली देखी
Vishal babu (vishu)
*स्वच्छ रहेगी गली हमारी (बाल कविता)*
*स्वच्छ रहेगी गली हमारी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
★HAPPY FATHER'S DAY ★
★HAPPY FATHER'S DAY ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
" मैं फिर उन गलियों से गुजरने चली हूँ "
Aarti sirsat
सावन का महीना
सावन का महीना
विजय कुमार अग्रवाल
लिख / MUSAFIR BAITHA
लिख / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
हालात ए वक्त से
हालात ए वक्त से
Dr fauzia Naseem shad
दोहा- बाबूजी (पिताजी)
दोहा- बाबूजी (पिताजी)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
श्री राम अर्चन महायज्ञ
श्री राम अर्चन महायज्ञ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
"आज का विचार"
Radhakishan R. Mundhra
सर्द ठिठुरन आँगन से,बैठक में पैर जमाने लगी।
सर्द ठिठुरन आँगन से,बैठक में पैर जमाने लगी।
पूर्वार्थ
सवाल~
सवाल~
दिनेश एल० "जैहिंद"
हुआ क्या तोड़ आयी प्रीत को जो  एक  है  नारी
हुआ क्या तोड़ आयी प्रीत को जो एक है नारी
Anil Mishra Prahari
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Loading...