“पत्नी लक्ष्मी का रूप है “
पत्नी लक्ष्मी का रूप है,
ना कीचन की चीज कोई.
अस्तित्व भी है उसका,
लेके चलो साथ साथ भी…
द्वेष उसका ना करो कभी,
ईर्षा से ना देखो कभी.
पत्नी का रूप है माँ का,
विश्वास तो रखो कभी…
कम ना समजो उसको तुम,
हर क्षेत्र मे आगे भी.
बस उसपर विश्वास करो तुम,
रहेगी घर मे, सुख और शांती भी…
दुर्गा,लक्ष्मी,और सरस्वती,
तीन रूप है उसके भी.
खीलोना ना समजो तुम उसको,
तो फ़िर कालि रूप मे आजाएगी…
पत्नी लक्ष्मी का रूप है…