Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Apr 2021 · 1 min read

पत्तों की कहानी

पत्ते हवा में
उड़ रहे हैं
कभी परिंदों से तो
कभी तितलियों से
लग रहे हैं
हवाओं के कानों में
अपनी कहानी
कह रहे हैं
हवा कुछ सुन नहीं रही
उड़ी चली जा रही है
पत्ते अपनी कहानी सुनाने के लिए
उसे
उसके पीछे पीछे भाग रहे हैं
जीत आखिर हवा की होती है
और पत्तों को जमीन पर
पटक लगती है
हवा की बेवफाई पर
पत्ते सिर झुकाकर
बैठे हैं
गमगीन हैं
गहरी सोच में पड़ गये हैं
अब जीना नहीं चाहते
मरना चाहते हैं
मिट्टी की तह में
समा जाना चाहते हैं
एक जगह दबकर
टिककर
सुनायेंगे उम्र भर
मिट्टी के हमराज को
अपनी दिल की कहानी
बात घर से बाहर भी
जाने का डर नहीं
कई राज खुलेंगे
न होगी अब कोई बदनामी
वफा मिली तो कितनी
मिली
मिट्टी में दफन होने के
बाद
यह कहानी तो
हवाओं के पास से
गुजरने पर
उन्हें अपने पास बुलाकर
हर हाल में सुनायेंगे।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
361 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Minal Aggarwal
View all
You may also like:
23/195. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/195. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तू है जगतजननी माँ दुर्गा
तू है जगतजननी माँ दुर्गा
gurudeenverma198
भाई हो तो कृष्णा जैसा
भाई हो तो कृष्णा जैसा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मन मेरा गाँव गाँव न होना मुझे शहर
मन मेरा गाँव गाँव न होना मुझे शहर
Rekha Drolia
मोहब्बत
मोहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
सराब -ए -आप में खो गया हूं ,
सराब -ए -आप में खो गया हूं ,
Shyam Sundar Subramanian
समय के साथ ही हम है
समय के साथ ही हम है
Neeraj Agarwal
समय और मौसम सदा ही बदलते रहते हैं।इसलिए स्वयं को भी बदलने की
समय और मौसम सदा ही बदलते रहते हैं।इसलिए स्वयं को भी बदलने की
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
* भावना स्नेह की *
* भावना स्नेह की *
surenderpal vaidya
बीती सदियाँ राम हैं , भारत के उपमान(कुंडलिया)
बीती सदियाँ राम हैं , भारत के उपमान(कुंडलिया)
Ravi Prakash
भारत का सिपाही
भारत का सिपाही
आनन्द मिश्र
■ संडे इज द फन-डे
■ संडे इज द फन-डे
*Author प्रणय प्रभात*
बस का सफर
बस का सफर
Ms.Ankit Halke jha
कृतघ्न व्यक्ति आप के सत्कर्म को अपकर्म में बदलता रहेगा और आप
कृतघ्न व्यक्ति आप के सत्कर्म को अपकर्म में बदलता रहेगा और आप
Sanjay ' शून्य'
अभिमान
अभिमान
Shutisha Rajput
ब्रह्म मुहूर्त में बिस्तर त्याग सब सुख समृद्धि का आधार
ब्रह्म मुहूर्त में बिस्तर त्याग सब सुख समृद्धि का आधार
पूर्वार्थ
कितना
कितना
Santosh Shrivastava
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
मेहनत के दिन हमको , बड़े याद आते हैं !
मेहनत के दिन हमको , बड़े याद आते हैं !
Kuldeep mishra (KD)
जनक छन्द के भेद
जनक छन्द के भेद
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
रमेशराज की ‘ गोदान ‘ के पात्रों विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की ‘ गोदान ‘ के पात्रों विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
दिल का दर्द आँख तक आते-आते नीर हो गया ।
दिल का दर्द आँख तक आते-आते नीर हो गया ।
Arvind trivedi
मातृ भाषा हिन्दी
मातृ भाषा हिन्दी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
क्या ख़ूब हसीं तुझको क़ुदरत ने बनाया है
क्या ख़ूब हसीं तुझको क़ुदरत ने बनाया है
Irshad Aatif
सुन मेरे बच्चे
सुन मेरे बच्चे
Sangeeta Beniwal
"स्मार्ट विलेज"
Dr. Kishan tandon kranti
सर्वे भवन्तु सुखिन:
सर्वे भवन्तु सुखिन:
Shekhar Chandra Mitra
आवारगी मिली
आवारगी मिली
Satish Srijan
समझौता
समझौता
Dr.Priya Soni Khare
वास्तविक प्रकाशक
वास्तविक प्रकाशक
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...