!!!!पग पग ठोकर —————- हिम्मत न छोड़े !!!!
पग पग ठोकर लगी, हिम्मत फिर भी नहीं भगी।
गिरा उठा संभला प्यास मंजिल की और जगी।
लक्ष्य ही सफलता था मेरा, उसी से की दिल्लगी।।
हर बाधा को साधा, रखकर अटल इरादा ।
कईयों का छूटा साथ,मंजिल ही लगी मुझे सगी।।
चलता रहा,रोकने वाला हटता रहा ।
पहुंचा मंजिल के पास,न की मैंने कोई ठगी।।
आज मंजिल और हम साथ थे,
किए जो हमने अथक प्रयास थे।
ठोकर से अनुनय क्या घबराना,
हिम्मत न छोड़े साथ कभी ।।
राजेश व्यास अनुनय