Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Nov 2020 · 1 min read

पगड़ंडी

पगडंडी
*******
वो टेढ़ी मेढ़ी पगडंडियां
गाँव गाँव की पहचान थीं,
उन दिनों गांव घर पहुँचने की
वहीं पहचान थीं।
पगडंडियाँ भी हमें पहचानती थीं
हमें बिना किसी परेशानी के
हमें गाँव घर पहुँचाती थीं।
भले ही मूँज बेहया झाडियों के बीच
वो पतली सी पगडंडियां
पहचान थीं।
मगर वो ही आम जन की जान थीं,
उस समय वही
सबकी शान थीं,
कम से कम हमें विश्वास था,
पगडंडियां ही हमारे और हमारे
परिवार का विश्वास था।
✍सुधीर श्रीवास्तव

Language: Hindi
1 Like · 326 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रहो कृष्ण की ओट
रहो कृष्ण की ओट
Satish Srijan
कि लड़का अब मैं वो नहीं
कि लड़का अब मैं वो नहीं
The_dk_poetry
लौट  आते  नहीं  अगर  बुलाने   के   बाद
लौट आते नहीं अगर बुलाने के बाद
Anil Mishra Prahari
"कोरोना बम से ज़्यादा दोषी हैं दस्ता,
*Author प्रणय प्रभात*
*चुनाव: छह दोहे*
*चुनाव: छह दोहे*
Ravi Prakash
चुनौती
चुनौती
Ragini Kumari
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जीना सीख लिया
जीना सीख लिया
Anju ( Ojhal )
यादों की सुनवाई होगी
यादों की सुनवाई होगी
Shweta Soni
तुमसे बेहद प्यार करता हूँ
तुमसे बेहद प्यार करता हूँ
हिमांशु Kulshrestha
सब्र रख
सब्र रख
VINOD CHAUHAN
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को उनकी पुण्यतिथि पर शत शत नमन्।
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को उनकी पुण्यतिथि पर शत शत नमन्।
Anand Kumar
भारत मां की पुकार
भारत मां की पुकार
Shriyansh Gupta
ये आँखें तेरे आने की उम्मीदें जोड़ती रहीं
ये आँखें तेरे आने की उम्मीदें जोड़ती रहीं
Kailash singh
खींचो यश की लम्बी रेख।
खींचो यश की लम्बी रेख।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
2561.पूर्णिका
2561.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
अपूर्ण नींद और किसी भी मादक वस्तु का नशा दोनों ही शरीर को अन
अपूर्ण नींद और किसी भी मादक वस्तु का नशा दोनों ही शरीर को अन
Rj Anand Prajapati
सरकारों के बस में होता हालतों को सुधारना तो अब तक की सरकारें
सरकारों के बस में होता हालतों को सुधारना तो अब तक की सरकारें
REVATI RAMAN PANDEY
गीत मौसम का
गीत मौसम का
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
💐प्रेम कौतुक-480💐
💐प्रेम कौतुक-480💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ईश्वर है
ईश्वर है
साहिल
ओ माँ मेरी लाज रखो
ओ माँ मेरी लाज रखो
Basant Bhagawan Roy
नींद
नींद
Kanchan Khanna
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
क्या चाहती हूं मैं जिंदगी से
क्या चाहती हूं मैं जिंदगी से
Harminder Kaur
देश भक्त का अंतिम दिन
देश भक्त का अंतिम दिन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"गुमनाम जिन्दगी ”
Pushpraj Anant
बिन बोले ही  प्यार में,
बिन बोले ही प्यार में,
sushil sarna
खुद के करीब
खुद के करीब
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ऐसा कभी नही होगा
ऐसा कभी नही होगा
gurudeenverma198
Loading...