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14 Mar 2018 · 1 min read

पंजाबी कविता

मेरी कलम से…..
पंजाबी कविता।

भाँवे जा इंग्लैंड हीरीये,
भाँवे जा कनाडा।
छेत्ती मुड़ के आजीं सोह्निये,
दिल नी लगणा साड्डा।।

तेरे नखरियाँ दी हुण तां,
सानूं आदत जेही पै गयी ऐ।
की दस्सीये हाल अपणा,
इक दिल सी साड्डे कोल,
ओह बी तूं लै गयी ऐ।।

मेरे गीतां विच तेरा ज़िक्र रहूगा,
मेरी नस नस विच प्यार तेरा।
मेरी साहां दे विच खुशबू तेरी,
मेरी अखां दे विच इंतज़ार तेरा।।

आउन वाला बसाखी दा मेला,
तेरे बिना मैं तां होजूँ कल्ला।
छेत्ती मुड़ पिंड नूँ झल्लीये,
तूँ ही तां मेरी जिन्द जान बल्लिये।।

दिल तेरा मैं रखेया संभाल के,
तूं बी मेरा दिल संभाल रक्खीं।
बिछौड़ा न दे दीं “गुप्ता” नूँ,
बस एस गल्ल दा ख्याल रक्खीं।।

रचनाकार,
संजय गुप्ता।
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Language: Hindi
551 Views
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