पंक्तिवद्ध होना,यानि की लाइन लगाना
पंक्तिवद्ध होना यानि की लाइन में लगना,
लाइन लाइन ही है,चाहे वह छोटी हो या लम्बी,लाइन लाइन है,आडी हो या तिरछी,
लाइन लाइन है,चाहे वह डीजल कि हो,
या पैट्रोल की,गैस कि हो या मिट्टी के तेल की,
लाइन लाइन है,चाहे वह नोटबन्दी कि हो या टिकट की,टिकट कोई भी हो सकता है,
बस का ,रेल का हवाई जहाज का,
यानि यात्रा का,यात्रा,कोई भी हो,
घुमने से लेकर सत्ता पाने तक की,
बिना लाइन के टिकट का कोई मजा नही,
टिकट ही तो है जो देश विदेश से लेकर ,
संसद से लेकर सत्ता तक कि सैर कराता है,
टिकट ही तो है,जो निर्वाचित प्रतिनिधी,
होने का गौरव दिलाता है,
हाँ तो,लाइन में खडा होना, फिर टिकट लेना,
टिकट लेकर यात्रा करना,चाहे वह स्थान विशेष ,
की हो या सत्ता प्राप्ती की,यानि प्रतिनिधी बनने की
प्रतिनिधी बनकर लाईन लगवाने में जो आनन्द है,
वह अब नियति बन गयी है,एक कटु सत्य,
जो यथार्थ का दर्शन कराती है,
इसीलिये तो,लाइन है,और उसका अपना महत्व है
ब्यक्तित्व है,स्थाइत्व है,और अस्तीत्व है।