Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Mar 2017 · 1 min read

न शरमाएँगे दुनिया से

न शरमाएँगे दुनिया से सुबह को शाम कह देँगे

जो नफरत के पुजारी हैँ वो दिन को रात कह देँगे

किसी की लाश पर तुम फूल भी रखना तो चुपके से

नहीँ तो प्यार के दुश्मन उसे भी प्यार कह देँगे

Language: Hindi
2 Likes · 358 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तेरी याद
तेरी याद
SURYA PRAKASH SHARMA
कम आ रहे हो ख़़्वाबों में आजकल,
कम आ रहे हो ख़़्वाबों में आजकल,
Shreedhar
"शहनाई की गूंज"
Dr. Kishan tandon kranti
Chalo khud se ye wada karte hai,
Chalo khud se ye wada karte hai,
Sakshi Tripathi
#क़तआ (मुक्तक)
#क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
ऐ सावन अब आ जाना
ऐ सावन अब आ जाना
Saraswati Bajpai
"बोलती आँखें"
पंकज कुमार कर्ण
*चुनौती के बिना जीवन-समर बेकार होता है (मुक्तक)*
*चुनौती के बिना जीवन-समर बेकार होता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
ट्रेन दुर्घटना
ट्रेन दुर्घटना
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
हमारे प्यार का आलम,
हमारे प्यार का आलम,
Satish Srijan
कँहरवा
कँहरवा
प्रीतम श्रावस्तवी
प्रेम एक सहज भाव है जो हर मनुष्य में कम या अधिक मात्रा में स
प्रेम एक सहज भाव है जो हर मनुष्य में कम या अधिक मात्रा में स
Dr MusafiR BaithA
बना चाँद का उड़न खटोला
बना चाँद का उड़न खटोला
Vedha Singh
*** शुक्रगुजार हूँ ***
*** शुक्रगुजार हूँ ***
Chunnu Lal Gupta
शिव अविनाशी, शिव संयासी , शिव ही हैं शमशान निवासी।
शिव अविनाशी, शिव संयासी , शिव ही हैं शमशान निवासी।
Gouri tiwari
नेता पक रहा है
नेता पक रहा है
Sanjay ' शून्य'
नारी शक्ति का सम्मान🙏🙏
नारी शक्ति का सम्मान🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
12. घर का दरवाज़ा
12. घर का दरवाज़ा
Rajeev Dutta
घोंसले
घोंसले
Dr P K Shukla
3264.*पूर्णिका*
3264.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
# जय.….जय श्री राम.....
# जय.….जय श्री राम.....
Chinta netam " मन "
आपाधापी व्यस्त बहुत हैं दफ़्तर  में  व्यापार में ।
आपाधापी व्यस्त बहुत हैं दफ़्तर में व्यापार में ।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
कृष्ण चतुर्थी भाद्रपद, है गणेशावतार
कृष्ण चतुर्थी भाद्रपद, है गणेशावतार
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ग़ज़ल-हलाहल से भरे हैं ज़ाम मेरे
ग़ज़ल-हलाहल से भरे हैं ज़ाम मेरे
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
जीतना
जीतना
Shutisha Rajput
वेतन की चाहत लिए एक श्रमिक।
वेतन की चाहत लिए एक श्रमिक।
Rj Anand Prajapati
तूं मुझे एक वक्त बता दें....
तूं मुझे एक वक्त बता दें....
Keshav kishor Kumar
आज खुश हे तु इतना, तेरी खुशियों में
आज खुश हे तु इतना, तेरी खुशियों में
Swami Ganganiya
कश्मीरी पण्डितों की रक्षा में कुर्बान हुए गुरु तेगबहादुर
कश्मीरी पण्डितों की रक्षा में कुर्बान हुए गुरु तेगबहादुर
कवि रमेशराज
#  कर्म श्रेष्ठ या धर्म  ??
# कर्म श्रेष्ठ या धर्म ??
Seema Verma
Loading...