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22 Jan 2020 · 1 min read

न रोके कोई, मुझे

न रोके कोई, मुझे कुछ करने से
न टोके कोई मुझे कुछ कहने से

प्रेम मेरा क्षणिक भी कम न होगा
यूँ कोसो दूर भी, तुझसे रहने से

कहा रोक पाया,अब तलक कोई
कसक,जज्बातों की हवा बहने से

सितम कर ले,मुझ पर जितने कोई
तू साथ हैं,तो दर्द न होगा सहने से

जम गया हैं दिल में, इश्क़ हिम सा
रोक न पाएगा तू भी,इसे पिघलने से

रेखा”कमलेश ”
होशंगाबाद मप्र

2 Likes · 1 Comment · 448 Views
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