Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Mar 2021 · 1 min read

न फितरत है न नफरत है — मुक्तक

न फितरत है न नफरत है, शराफत मैंने अपनाई।
मेरी यह सादगी यारो, मेरे ही काम है आई ।
न कोई मेरी सुनता है , चाल खुद की चलता है।
मैंने तो जीवन में बरकत,सरलता से ही पाई।।
“”””””’””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””!
दर्पण दिल का अपना तो ,सदा ही साफ है रखना।
परखना न्याय नीति को,करना इंसाफ है करना।
शीशा टूट न जाए,चुभन से घायल कर देगा।
मुश्किल हो जाएगा साथी,घाव को अपने तो भरना।।
राजेश व्यास अनुनय

Language: Hindi
3 Likes · 4 Comments · 188 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुकेश का दीवाने
मुकेश का दीवाने
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि
Ram Babu Mandal
Pollution & Mental Health
Pollution & Mental Health
Tushar Jagawat
Ishq ke panne par naam tera likh dia,
Ishq ke panne par naam tera likh dia,
Chinkey Jain
दोनों हाथों से दुआएं दीजिए
दोनों हाथों से दुआएं दीजिए
Harminder Kaur
आँखों से नींदे
आँखों से नींदे
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
मां के हाथ में थामी है अपने जिंदगी की कलम मैंने
मां के हाथ में थामी है अपने जिंदगी की कलम मैंने
कवि दीपक बवेजा
#justareminderdrarunkumarshastri
#justareminderdrarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आंखे, बाते, जुल्फे, मुस्कुराहटे एक साथ में ही वार कर रही हो।
आंखे, बाते, जुल्फे, मुस्कुराहटे एक साथ में ही वार कर रही हो।
Vishal babu (vishu)
खूब उड़ रही तितलियां
खूब उड़ रही तितलियां
surenderpal vaidya
मुझे मेरी फितरत को बदलना है
मुझे मेरी फितरत को बदलना है
Basant Bhagawan Roy
NeelPadam
NeelPadam
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
कुछ रातों के घने अँधेरे, सुबह से कहाँ मिल पाते हैं।
कुछ रातों के घने अँधेरे, सुबह से कहाँ मिल पाते हैं।
Manisha Manjari
कहां गए तुम
कहां गए तुम
Satish Srijan
संसार का स्वरूप(3)
संसार का स्वरूप(3)
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
"सुन रहा है न तू"
Pushpraj Anant
" बोलती आँखें सदा "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
..सुप्रभात
..सुप्रभात
आर.एस. 'प्रीतम'
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
टूटने का मर्म
टूटने का मर्म
Surinder blackpen
ग़ज़ल/नज़्म - उसका प्यार जब से कुछ-कुछ गहरा हुआ है
ग़ज़ल/नज़्म - उसका प्यार जब से कुछ-कुछ गहरा हुआ है
अनिल कुमार
क्रांतिवीर नारायण सिंह
क्रांतिवीर नारायण सिंह
Dr. Pradeep Kumar Sharma
योग और नीरोग
योग और नीरोग
Dr Parveen Thakur
संस्कारों और वीरों की धरा...!!!!
संस्कारों और वीरों की धरा...!!!!
Jyoti Khari
"इमली"
Dr. Kishan tandon kranti
बुढ़ापे में हड्डियाँ सूखा पतला
बुढ़ापे में हड्डियाँ सूखा पतला
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
याद आती है
याद आती है
Er. Sanjay Shrivastava
(8) मैं और तुम (शून्य- सृष्टि )
(8) मैं और तुम (शून्य- सृष्टि )
Kishore Nigam
🙅POK🙅
🙅POK🙅
*Author प्रणय प्रभात*
ईद आ गई है
ईद आ गई है
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
Loading...