न दर्द का गीत गुनगुनाओ
न दर्द का गीत गुनगुनाओ
यूँ हाल दिल का नहीं सुनाओ
न भूल जाये धड़कना ये दिल
तरस जरा सा कभी तो खाओ
न माँगा हमने कभी भी तुमसे
कि चाँद तारे ही तोड़ लाओ
झुकें जरा हम झुको जरा तुम
ये दोस्ती का नियम बनाओ
नहीं सुरक्षित है आज बेटी
बुरी नज़र से इसे बचाओ
ये ‘अर्चना’ से नहीं कहीं कम
कभी किसी का न दिल दुखाओ
डॉ अर्चना गुप्ता
22-11-2017