Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Aug 2020 · 4 min read

न जोतों खाऊं न जोतों रौंधूँ

जिलाधिकारी से निर्गत होते हुए प्राप्त आदेश के अनुपालन में मैं अपने दल के अन्य सदस्यों फार्मेसिस्ट , लैब टेक्नीशियन , वार्ड बॉय आदि के साथ अस्पताल की एंबुलेंस ले कर उस घटनास्थल पर पहुंच गया जहां वह भूख हड़ताली पिछले 5 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठा था । वह एक सर्द सुबह में 18000 सीट की ऊंचाई वाले पहाड़ पर स्थित न्यायालय परिसर के करीब एक शेड के नीचे एक स्थान पर जो तीन तरफ से मुंडेर से घिरा था अपना बिस्तरा लगाये फूलों की माला पहने आराम से लेटा था । उसके आसपास करीब 10 – 12 समर्थक उसे घेरे हुए खड़े थे । मेरे वहां पहुंचने पर उन लोगों में कुछ हलचल हुई कि डॉक्टर साहब आ गये । मैंने उन्हें बताया कि मैं इनके स्वास्थ्य परीक्षण के लिए आया हूं । इस पर वह सभी उस भूख हड़ताली के प्रति अपनी मार्मिक संवेदनाएं जताते हुए बोले हां साहब देख लो । वह उसी भांति धृष्टता से लेटा रहा । मैंने उसके वहीं लेटे लेटे की दशा में उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया उसकी नब्ज़ , बी पी , आले को लगा कर देखने के पश्चात मैंने उससे कहा कि आपका वजन तौलना है अतः आप इस वजन तौलने की मशीन पर खड़े हो जाइए तथा अपनी पेशाब का नमूना जांच के लिये दे दीजिए । मेरे यह कहने पर वह अत्याधिक कमजोरी प्रदर्शित करते हुए खड़े होने में असमर्थता प्रगट करते हुए धृष्टता पूर्वक लेटा रहा । इस पर उसके कुछ साथियों ने उसके हाथ पकड़ कर और सहारा देखकर उसे खड़ा किया । उसे खड़ा करने के इस प्रयास में जैसे ही उसकी रजाई उस पर से हटाई गई तो उसमें से एक आधी भरी हुई xxx रम शराब की बड़ी बोतल खनखनाती – खलखलाती हुई उसकी रज़ाई से निकल कर फर्श पर 5 – 6 फीट दूर लुढ़कती हुई रुक गई , जो सम्भवतः उसने रजाई के अंदर अपनी बगल में दबा रखी थी । वह वजन की मशीन पर तुलने के लिए सहारे से खड़ा हो गया पर पेशाब का सैम्पल देने के लिए उसने मना कर दिया ।
मैंने उसकी शराब की बोतल की ओर इशारा करते हुए मुस्कुराकर आसपास खड़े लोगों के चेहरों पर प्रश्नवाचक निगाह डाली । इस पर वे लोग बोले
साहब यह पूरी तरीके से अपने सिद्धांतों के अनुसार भूख हड़ताल पर है और इसका मानना है कि इस दौरान ये किसी ऐसी वस्तु का सेवन खाने पीने में नहीं करेगा जो हल लगाकर जुताई कर मेहनत लगा कर पैदा की जाती हो या जिसे बनाने के लिए आटे की भांति गूंथना पड़ता हो , इस लिए ये बेचारा सिर्फ मुर्गा और शराब के अलावा कुछ भी नहीं ले रहा है । क्योंकि इन चीजों के उत्पादन में हल आदि का प्रयोग नहीं किया जाता है ।
अपने पूर्व के व्रत धारण करने के अनुभवों से मैं जानता था कि व्रत में फलाहारी वस्तुओ का खाने-पीने के लिए इस्तेमाल किया जाता सकता है तथा ऐसे अन्न का प्रयोग व्रत में वर्जित है जोकि जुताई – बुआई से खेतों में उपजाया जाता हो । उसका भी यही तर्क था ।
क्यों कि मुर्गा और शराब में हल का प्रयोग नहीं किया जाता अतः यह बेचारा उसे ही खाकर जिंदा है और अपने संघर्ष में जुटा है ।
मैं उनके इस कुतर्क से मन ही मन सहमत और अचंभित था कि मुर्गा और शराब के लिए हल नहीं चलाना पड़ता पर वहां मैं उनसे इस बात पर किसी विवाद में नहीं उलझना चाहता था । वह व्यक्ति किस प्रकार सार्वजनिक रूप से कुछ लोगों को भ्रमित करते हुए महात्मा गांधीजी के द्वारा बताए गए मार्ग और उनके सिद्धांतों की सार्वजनिक रूप से खुलेआम धज्जियां उड़ा रहा था तथा बाकी सब प्रशासनिक पदों पर बैठे लोग भी उनकी नाक के नीचे यह सब अपराध होते हुए देखकर भी आंख मूंदकर खानापूरी करने में लगे थे ।
उनकी बात सुनने के पश्चात मैंने अपनी रिपोर्ट में उसके स्वास्थ्य परीक्षण का उल्लेख करने के साथ साथ उसके आहार एवं उसकी सांस में शराब की महक का विवरण भी लिखकर रिपोर्ट आगे भेज दी ।
अगले दिन अपने अन्य चिकित्सक साथियों को जब मैंने इसके बारे में बताया तो मेरे सहयोगी दंत चिकित्सक हंसने लगे और बोले हां यह वही व्यक्ति है जिसे आसपास के इलाके के लोग बंबइया टैक्सी वाला कहते हैं । यह बहुत बदमाश है । पिछले 2- 3 सालों में कई बार अपने दांत की मेडिको लीगल रिपोर्ट करवाने के लिए मेरे पास आ चुका है और हर बार मैं लिख कर भेज देता हूं कि यह वर्षों पुराना टूटा हुआ दांत है । फिर ये मुझसे लड़ता है कि मेरा यह सामने का ऊपरवाला दांत हाल की लड़ाई में मारपीट में टूटा है ।
ऐसे लोगों के लिए महाकवि रहीम दास जी शायद यह यह पंक्तियां लिखना भूल गए थे जो मुझे अक्सर याद आती हैं
‘ रहिमन इस संसार में भांति – भांति के लोग ,
कुछ तो दुर्जन होत हैं , कुछ बहुतई दुर्जन होंय ।
सुना है कि अब इस दोहे का रीमिक्स वर्जन भी ज्ञानियों के पास उपलब्ध है ।

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 352 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तू ही है साकी तू ही मैकदा पैमाना है,
तू ही है साकी तू ही मैकदा पैमाना है,
Satish Srijan
कामयाबी का नशा
कामयाबी का नशा
SHAMA PARVEEN
12
12
Dr Archana Gupta
कोई पूछे तो
कोई पूछे तो
Surinder blackpen
सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं
सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं
VINOD CHAUHAN
फारवर्डेड लव मैसेज
फारवर्डेड लव मैसेज
Dr. Pradeep Kumar Sharma
माँ भारती के वरदपुत्र: नरेन्द्र मोदी
माँ भारती के वरदपुत्र: नरेन्द्र मोदी
Dr. Upasana Pandey
सबसे ज्यादा विश्वासघात
सबसे ज्यादा विश्वासघात
ruby kumari
पुरखों का घर - दीपक नीलपदम्
पुरखों का घर - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मेरी हर सोच से आगे कदम तुम्हारे पड़े ।
मेरी हर सोच से आगे कदम तुम्हारे पड़े ।
Phool gufran
3122.*पूर्णिका*
3122.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बहुत दिनों से सोचा था, जाएंगे पुस्तक मेले में।
बहुत दिनों से सोचा था, जाएंगे पुस्तक मेले में।
सत्य कुमार प्रेमी
"गाली"
Dr. Kishan tandon kranti
तूफानों से लड़ना सीखो
तूफानों से लड़ना सीखो
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
शिष्टाचार एक जीवन का दर्पण । लेखक राठौड़ श्रावण सोनापुर उटनुर आदिलाबाद
शिष्टाचार एक जीवन का दर्पण । लेखक राठौड़ श्रावण सोनापुर उटनुर आदिलाबाद
राठौड़ श्रावण लेखक, प्रध्यापक
अंधकार जितना अधिक होगा प्रकाश का प्रभाव भी उसमें उतना गहरा औ
अंधकार जितना अधिक होगा प्रकाश का प्रभाव भी उसमें उतना गहरा औ
Rj Anand Prajapati
ज़िंदगी का सफ़र
ज़िंदगी का सफ़र
Dr fauzia Naseem shad
अनगढ आवारा पत्थर
अनगढ आवारा पत्थर
Mr. Rajesh Lathwal Chirana
" फ़साने हमारे "
Aarti sirsat
व्हाट्सएप युग का प्रेम
व्हाट्सएप युग का प्रेम
Shaily
Tum hame  nist-ee nabut  kardo,
Tum hame nist-ee nabut kardo,
Sakshi Tripathi
■ शुभ देवोत्थान
■ शुभ देवोत्थान
*Author प्रणय प्रभात*
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
वफा से वफादारो को पहचानो
वफा से वफादारो को पहचानो
goutam shaw
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
पतझड़ की कैद में हूं जरा मौसम बदलने दो
पतझड़ की कैद में हूं जरा मौसम बदलने दो
Ram Krishan Rastogi
अगर किरदार तूफाओँ से घिरा है
अगर किरदार तूफाओँ से घिरा है
'अशांत' शेखर
गीत
गीत
प्रीतम श्रावस्तवी
*मुकदमा  (कुंडलिया)*
*मुकदमा (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
💐प्रेम कौतुक-541💐
💐प्रेम कौतुक-541💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...