Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jul 2021 · 1 min read

न खाते फल…

न खाते फल तरू अपने, न पीती जल नदी अपना ।
बरसते मेघ परहित में, न रखते स्वार्थ ये अपना ।
गगन में चाँद सूरज भी, जगत हित रोज आते हैं,
सुजन जग में जनम लेकर, निभाते फर्ज हर अपना ।
– © सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 246 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ.सीमा अग्रवाल
View all
You may also like:
स्वाल तुम्हारे-जवाब हमारे
स्वाल तुम्हारे-जवाब हमारे
Ravi Ghayal
रिश्ते नातों के बोझ को उठाए फिरता हूॅ॑
रिश्ते नातों के बोझ को उठाए फिरता हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
खूबसूरत, वो अहसास है,
खूबसूरत, वो अहसास है,
Dhriti Mishra
घर की रानी
घर की रानी
Kanchan Khanna
पुस्तकें
पुस्तकें
नन्दलाल सुथार "राही"
कैसे करूँ मैं तुमसे प्यार
कैसे करूँ मैं तुमसे प्यार
gurudeenverma198
दोहे
दोहे
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
करें उन शहीदों को शत शत नमन
करें उन शहीदों को शत शत नमन
Dr Archana Gupta
खोखली बातें
खोखली बातें
Dr. Narendra Valmiki
अजान
अजान
Satish Srijan
दूर कहीं जब मीत पुकारे
दूर कहीं जब मीत पुकारे
Mahesh Tiwari 'Ayan'
प्रकृति से हम क्या सीखें?
प्रकृति से हम क्या सीखें?
डॉ० रोहित कौशिक
मीठी वाणी
मीठी वाणी
Dr Parveen Thakur
माता के नौ रूप
माता के नौ रूप
Dr. Sunita Singh
जन्नतों में सैर करने के आदी हैं हम,
जन्नतों में सैर करने के आदी हैं हम,
लवकुश यादव "अज़ल"
जिंदगी मुस्कुराती थी कभी, दरख़्तों की निगेहबानी में, और थाम लेता था वो हाथ मेरा, हर एक परेशानी में।
जिंदगी मुस्कुराती थी कभी, दरख़्तों की निगेहबानी में, और थाम लेता था वो हाथ मेरा, हर एक परेशानी में।
Manisha Manjari
मार नहीं, प्यार करो
मार नहीं, प्यार करो
Shekhar Chandra Mitra
इश्क़ में कोई
इश्क़ में कोई
लक्ष्मी सिंह
💐प्रेम कौतुक-162💐
💐प्रेम कौतुक-162💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"कष्ट"
Dr. Kishan tandon kranti
Dating Affirmations:
Dating Affirmations:
पूर्वार्थ
“ GIVE HONOUR TO THEIR FANS AND FOLLOWERS”
“ GIVE HONOUR TO THEIR FANS AND FOLLOWERS”
DrLakshman Jha Parimal
■ प्रभात चिंतन...
■ प्रभात चिंतन...
*Author प्रणय प्रभात*
क़दर करके क़दर हासिल हुआ करती ज़माने में
क़दर करके क़दर हासिल हुआ करती ज़माने में
आर.एस. 'प्रीतम'
लेखनी चले कलमकार की
लेखनी चले कलमकार की
Harminder Kaur
मुश्किलों पास आओ
मुश्किलों पास आओ
Dr. Meenakshi Sharma
आज हमने सोचा
आज हमने सोचा
shabina. Naaz
!!
!! "सुविचार" !!
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
चक्षु सजल दृगंब से अंतः स्थल के घाव से
चक्षु सजल दृगंब से अंतः स्थल के घाव से
Er.Navaneet R Shandily
*धन व्यर्थ जो छोड़ के घर-आँगन(घनाक्षरी)*
*धन व्यर्थ जो छोड़ के घर-आँगन(घनाक्षरी)*
Ravi Prakash
Loading...