Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Sep 2017 · 1 min read

*नफरत का मूल कारण कूटनीति*

मिर्च मसाला बिखरा पड़ा,
जो चाहे जैसी सब्जी,व्यंजन ले बनाये,
तीखे फिके के चक्कर में….,
भूखा ही रह जाए…….,

अर्थातः-
भूखा व्यक्ति पसंद नहीं देखता,
जो पसंद देखे वह भूखा नहीं,
जिसको प्यास है वह जाति-वर्ण नहीं पूछता
पानी पी कर प्यास बुझा लेता है,

रोगी इलाज खोजता है,
पैथी में अंग्रेजी या देशी नहीं,
प्रसव में,सर्जरी में,हड्डी-फ्रैक्चर में
क्या अंग्रेजी क्या फारसी, क्या देशी?
.
कोई डिलीवरी देशी या अंग्रेजी
होती देखी है ….कभी,
अगर हाँ तो…
मैं आपको बता दूँ
पहले गर्भाशय का मुख खुलता है,
फिर बच्चा घाट से बाहर आता है,
और जन्म ले लेता है,ओर बाकी प्रक्रिया पूरी की जाती है,किसे धोखा दे रहे हो,

डॉ महेन्द्र सिंह खालेटिया,

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 1 Comment · 440 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahender Singh
View all
You may also like:
सृजन तेरी कवितायें
सृजन तेरी कवितायें
Satish Srijan
गर्म साँसें,जल रहा मन / (गर्मी का नवगीत)
गर्म साँसें,जल रहा मन / (गर्मी का नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
जीवन देने के दांत / MUSAFIR BAITHA
जीवन देने के दांत / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
पिता के पदचिह्न (कविता)
पिता के पदचिह्न (कविता)
दुष्यन्त 'बाबा'
हे!जगजीवन,हे जगनायक,
हे!जगजीवन,हे जगनायक,
Neelam Sharma
हमेशा..!!
हमेशा..!!
'अशांत' शेखर
कह न पाई सारी रात सोचती रही
कह न पाई सारी रात सोचती रही
Ram Krishan Rastogi
अब किसका है तुमको इंतजार
अब किसका है तुमको इंतजार
gurudeenverma198
At the end of the day, you have two choices in love – one is
At the end of the day, you have two choices in love – one is
पूर्वार्थ
इतनें रंगो के लोग हो गये के
इतनें रंगो के लोग हो गये के
Sonu sugandh
दुम कुत्ते की कब हुई,
दुम कुत्ते की कब हुई,
sushil sarna
* बहुत खुशहाल है साम्राज्य उसका
* बहुत खुशहाल है साम्राज्य उसका
Shubham Pandey (S P)
विश्व जनसंख्या दिवस
विश्व जनसंख्या दिवस
Paras Nath Jha
" परदेशी पिया "
Pushpraj Anant
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
हौसले हो अगर बुलंद तो मुट्ठि में हर मुकाम हैं,
हौसले हो अगर बुलंद तो मुट्ठि में हर मुकाम हैं,
Jay Dewangan
■ एकाकी जीवन
■ एकाकी जीवन
*Author प्रणय प्रभात*
*वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है(जेल से)*
*वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है(जेल से)*
Dushyant Kumar
2635.पूर्णिका
2635.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
Buddha Prakash
*अंगूर (बाल कविता)*
*अंगूर (बाल कविता)*
Ravi Prakash
"मित्रता"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
युवा शक्ति
युवा शक्ति
संजय कुमार संजू
कलम , रंग और कूची
कलम , रंग और कूची
Dr. Kishan tandon kranti
हा मैं हारता नहीं, तो जीतता भी नहीं,
हा मैं हारता नहीं, तो जीतता भी नहीं,
Sandeep Mishra
Mere shaksiyat  ki kitab se ab ,
Mere shaksiyat ki kitab se ab ,
Sakshi Tripathi
DR. ARUN KUMAR SHASTRI
DR. ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जीवन एक सफर है, इसे अपने अंतिम रुप में सुंदर बनाने का जिम्मे
जीवन एक सफर है, इसे अपने अंतिम रुप में सुंदर बनाने का जिम्मे
Sidhartha Mishra
फूल सूखी डाल पर  खिलते  नहीं  कचनार  के
फूल सूखी डाल पर खिलते नहीं कचनार के
Anil Mishra Prahari
मैथिली हाइकु / Maithili Haiku
मैथिली हाइकु / Maithili Haiku
Binit Thakur (विनीत ठाकुर)
Loading...