Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Aug 2019 · 2 min read

नज़्म / कविता

अगर मैं मर गया तो……

जो इनके वास्ते देखें हैं उन ख़्वाबों का क्या होगा?
अगर मैं मर गया तो फिर मेरे बच्चों का क्या होगा?

अभी ज़िंदा हूँ सो मैं बोझ इन सब का उठाता हूँ।
हर इक तकलीफ सहता हूँ मगर मैं मुस्कुराता हूँ।
ग़म ओ आलाम से लड़ने की मैं हिम्मत जुटाता हूँ।
मगर जब सोचता हूँ ये तो मैं भी खौफ खाता हूँ।

मेरे जाते ही इन कमज़ोर से काँधों का क्या होगा?

अगर मैं मर गया तो फिर मेरे बच्चों का क्या होगा?

अभी तो खेलने की कूदने की उम्र है इनकी।
अभी दीन और दुन्या सीखने की उम्र है इनकी।
अभी हर बात पर कुछ पूछने की उम्र है इनकी।
अभी हर दिन नई शै मांगने की उम्र है इनकी।

भला इस कमसिनी में इनके अरमानों का क्या होगा?

अगर मैं मर गया तो फिर मेरे बच्चों का क्या होगा?

ये नादाँ सिर्फ अपने घर को ही दुन्या समझते हैं।
मेरे मासूम बच्चे हैं अभी कितना समझते हैं।
अभी है उम्र जितनी इनकी ये उतना समझते हैं।
कहानी भी समझते हैं ना ये किस्सा समझते हैं।

जो मैं इनको जो सुनाता हूँ उन अफसानों का क्या होगा?

अगर मैं मर गया तो फिर मेरे बच्चों का क्या होगा?

मेरे माँ बाप पर गोया क़यामत टूट जाएगी।
उमीदों से बंधी है जो ईमारत टूट जाएगी।
मेरे खुशहाल घर पर फिर मुसीबत टूट जाएगी।
ग़रज़ कहना है ये के इनकी हिम्मत टूट जाएगी।

जो मुझ को देख के ज़िंदा है उन आँखों का क्या होगा?

अगर मैं मर गया तो फिर मेरे बच्चों का क्या होगा?

जो मेरे वास्ते घर बार अपना छोड़ आई है।
जो मेरे वास्ते अपनों से चेहरा मोड़ आई है।
मेरी तक़दीर से जो अपनी किसमत जोड़ आई है।
वो जो ज़ंजीर रिश्तों की बंधी थी,तोड़ आई है।

फिर उस ईसार की मूरत के जज़्बातों का क्या होगा?

अगर मैं मर गया तो फिर मेरे बच्चों का क्या होगा?

तू ही नाराज़ होता है मोहब्बत तू ही करता है।
खुदाया जानता हूँ के करामत तू ही करता है।
मुसीबत में हों बन्दे तो हिफाज़त तू ही करता है।
अता,हालात से लड़ने की हिम्मत तू ही करता है।

मगर जो करके बैठा हूँ मैं उन वादों का क्या होगा?

अगर मैं मर गया तो फिर मेरे बच्चों का क्या होगा?

मैं तेरे हुक्म की तामील को गरदन झुकाऊंगा।
मेरा ईमान तुझ पर है,सो ये भी कर दिखाऊंगा।
बुलाएगा अगर मुझ को जो तू ,तो लौट आऊंगा।
मेरे बच्चों को मैं तेरे भरोसे छोड़ जाऊँगा।

पर इनकी आँख से निकले हुए अश्कों का क्या होगा?

अगर मैं मर गया तो फिर मेरे बच्चों का क्या होगा?

जो इनके वास्ते देखें हैं उन ख़्वाबों का क्या होगा?????

⭐ मोहसिन आफ़ताब केलापुरी ⭐

Language: Hindi
511 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*शुगर लेकिन दुखदाई (हास्य कुंडलिया)*
*शुगर लेकिन दुखदाई (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
हादसों का बस
हादसों का बस
Dr fauzia Naseem shad
कुछ ख्वाब
कुछ ख्वाब
Rashmi Ratn
it is not about having a bunch of friends
it is not about having a bunch of friends
पूर्वार्थ
"आज और अब"
Dr. Kishan tandon kranti
"द्रौपदी का चीरहरण"
Ekta chitrangini
Never trust people who tells others secret
Never trust people who tells others secret
Md Ziaulla
राम
राम
Suraj Mehra
ज़िंदगी में एक बार रोना भी जरूरी है
ज़िंदगी में एक बार रोना भी जरूरी है
Jitendra Chhonkar
बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं।
बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं।
ओसमणी साहू 'ओश'
ईश्वरीय समन्वय का अलौकिक नमूना है जीव शरीर, जो क्षिति, जल, प
ईश्वरीय समन्वय का अलौकिक नमूना है जीव शरीर, जो क्षिति, जल, प
Sanjay ' शून्य'
"दुखती रग.." हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
निलय निकास का नियम अडिग है
निलय निकास का नियम अडिग है
Atul "Krishn"
** सुख और दुख **
** सुख और दुख **
Swami Ganganiya
#अनंत_की_यात्रा_पर
#अनंत_की_यात्रा_पर
*Author प्रणय प्रभात*
हमें लिखनी थी एक कविता
हमें लिखनी थी एक कविता
shabina. Naaz
रामदीन की शादी
रामदीन की शादी
Satish Srijan
जब दूसरो को आगे बड़ता देख
जब दूसरो को आगे बड़ता देख
Jay Dewangan
प्यार की बात है कैसे कहूं तुम्हें
प्यार की बात है कैसे कहूं तुम्हें
Er. Sanjay Shrivastava
रिश्ते-नाते स्वार्थ के,
रिश्ते-नाते स्वार्थ के,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
शृंगारिक अभिलेखन
शृंगारिक अभिलेखन
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मेरी साँसों में उतर कर सनम तुम से हम तक आओ।
मेरी साँसों में उतर कर सनम तुम से हम तक आओ।
Neelam Sharma
गर्मी आई
गर्मी आई
Manu Vashistha
* खूब कीजिए प्यार *
* खूब कीजिए प्यार *
surenderpal vaidya
रिश्तो की कच्ची डोर
रिश्तो की कच्ची डोर
Harminder Kaur
पंचांग के मुताबिक हर महीने में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोद
पंचांग के मुताबिक हर महीने में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोद
Shashi kala vyas
तेरा मेरा वो मिलन अब है कहानी की तरह।
तेरा मेरा वो मिलन अब है कहानी की तरह।
सत्य कुमार प्रेमी
चाह ले....
चाह ले....
सिद्धार्थ गोरखपुरी
संतुलन
संतुलन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बसुधा ने तिरंगा फहराया ।
बसुधा ने तिरंगा फहराया ।
Kuldeep mishra (KD)
Loading...