Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jul 2021 · 1 min read

नज़र

वो दुनियाँ की भीड़ से मुझे इस क़दर बचाती हैं,
अपनी आँखों के काज़ल से वो मेरी नज़र उतारती हैं…

पायल पोखरना कोठारी

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Comment · 469 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कागज़ ए जिंदगी
कागज़ ए जिंदगी
Neeraj Agarwal
माशूका नहीं बना सकते, तो कम से कम कोठे पर तो मत बिठाओ
माशूका नहीं बना सकते, तो कम से कम कोठे पर तो मत बिठाओ
Anand Kumar
तरुण वह जो भाल पर लिख दे विजय।
तरुण वह जो भाल पर लिख दे विजय।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
जिस काम से आत्मा की तुष्टी होती है,
जिस काम से आत्मा की तुष्टी होती है,
Neelam Sharma
ना कोई हिन्दू गलत है,
ना कोई हिन्दू गलत है,
SPK Sachin Lodhi
सजन के संग होली में, खिलें सब रंग होली में।
सजन के संग होली में, खिलें सब रंग होली में।
डॉ.सीमा अग्रवाल
जीवन साथी
जीवन साथी
Aman Sinha
फितरत या स्वभाव
फितरत या स्वभाव
विजय कुमार अग्रवाल
परिणति
परिणति
Shyam Sundar Subramanian
"कूँचे गरीब के"
Ekta chitrangini
आँखों की दुनिया
आँखों की दुनिया
Sidhartha Mishra
दोहा पंचक. . . क्रोध
दोहा पंचक. . . क्रोध
sushil sarna
हिंदी में सबसे बड़ा , बिंदी का है खेल (कुंडलिया)
हिंदी में सबसे बड़ा , बिंदी का है खेल (कुंडलिया)
Ravi Prakash
भगवान ने जब सबको इस धरती पर समान अधिकारों का अधिकारी बनाकर भ
भगवान ने जब सबको इस धरती पर समान अधिकारों का अधिकारी बनाकर भ
नव लेखिका
जीवन
जीवन
नन्दलाल सुथार "राही"
केवल आनंद की अनुभूति ही जीवन का रहस्य नहीं है,बल्कि अनुभवों
केवल आनंद की अनुभूति ही जीवन का रहस्य नहीं है,बल्कि अनुभवों
Aarti Ayachit
मदमती
मदमती
Pratibha Pandey
गांव की सैर
गांव की सैर
जगदीश लववंशी
पहले कविता जीती है
पहले कविता जीती है
Niki pushkar
* सुन्दर फूल *
* सुन्दर फूल *
surenderpal vaidya
नारी के हर रूप को
नारी के हर रूप को
Dr fauzia Naseem shad
#मुक्तक
#मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
*कैसे  बताएँ  कैसे जताएँ*
*कैसे बताएँ कैसे जताएँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
🌙Chaand Aur Main✨
🌙Chaand Aur Main✨
Srishty Bansal
इश्क पहली दफा
इश्क पहली दफा
साहित्य गौरव
एक ज़िद थी
एक ज़िद थी
हिमांशु Kulshrestha
💐प्रेम कौतुक-184💐
💐प्रेम कौतुक-184💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
गुरु मांत है गुरु पिता है गुरु गुरु सर्वे गुरु
गुरु मांत है गुरु पिता है गुरु गुरु सर्वे गुरु
प्रेमदास वसु सुरेखा
विनय
विनय
Kanchan Khanna
हर इंसान को भीतर से थोड़ा सा किसान होना चाहिए
हर इंसान को भीतर से थोड़ा सा किसान होना चाहिए
ruby kumari
Loading...