Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 May 2017 · 1 min read

नज़र की बात करोगे

नज़र की बात करोगे सितमगर तो,
एक राह जुड़ जाएगी,
आवाज़ नही होगी दो नज़रो के बिच,
ये नज़र जुड़ जाएगी,

कहने को बहुत शिकवे शिकायत होंगे,
कही न जाएगी,
एक कदम तुम चलोगे एक कदम हम,
आहट सी आएगी,

जल पडेगा ज़माना जो हमारे लबों पे,
एक प्यारी सी हसी आएगी,
ज़िंदगी कहेगी तुम्हे सुभान अल्लाह,
तनहा की सुबह तभी आएगी,

Language: Hindi
569 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नवम दिवस सिद्धिधात्री,
नवम दिवस सिद्धिधात्री,
Neelam Sharma
!! युवा !!
!! युवा !!
Akash Yadav
शायरों के साथ ढल जाती ग़ज़ल।
शायरों के साथ ढल जाती ग़ज़ल।
सत्य कुमार प्रेमी
तुम मुझे यूँ ही याद रखना
तुम मुझे यूँ ही याद रखना
Bhupendra Rawat
हर गम छुपा लेते है।
हर गम छुपा लेते है।
Taj Mohammad
क्रव्याद
क्रव्याद
Mandar Gangal
संबंधों के पुल के नीचे जब,
संबंधों के पुल के नीचे जब,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
देश के वीरों की जब बात चली..
देश के वीरों की जब बात चली..
Harminder Kaur
रास्ता दुर्गम राह कंटीली, कहीं शुष्क, कहीं गीली गीली
रास्ता दुर्गम राह कंटीली, कहीं शुष्क, कहीं गीली गीली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
* जगो उमंग में *
* जगो उमंग में *
surenderpal vaidya
तमगा
तमगा
Bodhisatva kastooriya
तेवर
तेवर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आसान नही सिर्फ सुनके किसी का किरदार आंकना
आसान नही सिर्फ सुनके किसी का किरदार आंकना
Kumar lalit
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बेटी ही बेटी है सबकी, बेटी ही है माँ
बेटी ही बेटी है सबकी, बेटी ही है माँ
Anand Kumar
राह नीर की छोड़
राह नीर की छोड़
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कब मेरे मालिक आएंगे!
कब मेरे मालिक आएंगे!
Kuldeep mishra (KD)
कुछ बातें पुरानी
कुछ बातें पुरानी
PRATIK JANGID
*वीर सावरकर 【गीत 】*
*वीर सावरकर 【गीत 】*
Ravi Prakash
मैं लिखता हूँ जो सोचता हूँ !
मैं लिखता हूँ जो सोचता हूँ !
DrLakshman Jha Parimal
एक समय वो था
एक समय वो था
Dr.Rashmi Mishra
"जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं राम का दीवाना
मैं राम का दीवाना
Vishnu Prasad 'panchotiya'
कभी जिस पर मेरी सारी पतंगें ही लटकती थी
कभी जिस पर मेरी सारी पतंगें ही लटकती थी
Johnny Ahmed 'क़ैस'
छोड़ दिया किनारा
छोड़ दिया किनारा
Kshma Urmila
पिता
पिता
Harendra Kumar
■ तथ्य : ऐसे समझिए।
■ तथ्य : ऐसे समझिए।
*Author प्रणय प्रभात*
3016.*पूर्णिका*
3016.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
किसने तेरा साथ दिया है
किसने तेरा साथ दिया है
gurudeenverma198
" मन मेरा डोले कभी-कभी "
Chunnu Lal Gupta
Loading...