Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Sep 2020 · 1 min read

एक इल्जाम ऐसा भी….. !!

बात करते -करते जज़्बात नज़र आये,
सवाल करते -करते ख़यालात नज़र आये,
कैसे खो गया गुमनामी के नगर मे आज मैं,
आघात करते-करते, ग़म मे पात नजर आये.. !

एक दिल्लगी थी यारों, जिसके हाथ नजर आये,
कुछ बदसुलूक बातो के भी दांत नजर आये,
यूँ ही शौक से भुला जाते, सारे रंजो ग़म,
करते भी क्या ज़ब अपने ही खिलाफ नजर आये.. !!

पूछा ज़मीर से तो कुछ एहसान नजर आये,
आईने मे देखा खुद को शर्मसार नजर आये,
सदियों से संभाले रखा था हमने ग़ुरूर-ऐ -दिल,
उस पर भी आज मुझको रुखसात नजर आये..!!

वो भी तोड़ा गया, जमाना ज़ब हो गया क़ातिल,
इस ग़म के फ़साने मे हम बहा गए साहिल,
अब तक ज़माने मे काबिल -ऐ -दोस्त नज़र न आये,
इस तंग जिंदगी मे सिर्फ.. विकार नजर आये.. !

किस पर लगाए इल्जाम ज़ब जुल्म नजर आये,
खुद ही अपनी जिंदगी के आकार नजर आये,
एक लफ्ज़ मे रुला दे, ऐसे व्यवहार नजर आये,
उम्मीद भी नहीं थी ऐसे ख़यालात नजर आये,
भरी जवानी मे अपनों से शर्मसार नजर आये,
हाँ… खुद को बदल देंगे, अब ऐसे हालात नजर आये.!!

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 322 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तेरा सहारा
तेरा सहारा
Er. Sanjay Shrivastava
तुम  में  और  हम  में
तुम में और हम में
shabina. Naaz
सफर में महबूब को कुछ बोल नहीं पाया
सफर में महबूब को कुछ बोल नहीं पाया
Anil chobisa
राजे तुम्ही पुन्हा जन्माला आलाच नाही
राजे तुम्ही पुन्हा जन्माला आलाच नाही
Shinde Poonam
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कैमरे से चेहरे का छवि (image) बनाने मे,
कैमरे से चेहरे का छवि (image) बनाने मे,
Lakhan Yadav
ज़िन्दगी तुमको ढूंढ ही लेगी
ज़िन्दगी तुमको ढूंढ ही लेगी
Dr fauzia Naseem shad
बाल कविता: मोटर कार
बाल कविता: मोटर कार
Rajesh Kumar Arjun
मीठे बोल
मीठे बोल
Sanjay ' शून्य'
तेरी हुसन ए कशिश  हमें जीने नहीं देती ,
तेरी हुसन ए कशिश हमें जीने नहीं देती ,
Umender kumar
🫡💯मेरी competition शायरी💯🫡
🫡💯मेरी competition शायरी💯🫡
Ms.Ankit Halke jha
"आखिरी इंसान"
Dr. Kishan tandon kranti
शिव की बनी रहे आप पर छाया
शिव की बनी रहे आप पर छाया
Shubham Pandey (S P)
मूर्ख बनाने की ओर ।
मूर्ख बनाने की ओर ।
Buddha Prakash
वक्ता का है तकाजा जरा तुम सुनो।
वक्ता का है तकाजा जरा तुम सुनो।
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
3-फ़क़त है सियासत हक़ीक़त नहीं है
3-फ़क़त है सियासत हक़ीक़त नहीं है
Ajay Kumar Vimal
मेरी बच्ची - दीपक नीलपदम्
मेरी बच्ची - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
कल और आज जीनें की आस
कल और आज जीनें की आस
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"बचपने में जानता था
*Author प्रणय प्रभात*
तितली
तितली
Manu Vashistha
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बालगीत :- चाँद के चर्चे
बालगीत :- चाँद के चर्चे
Kanchan Khanna
रुलाई
रुलाई
Bodhisatva kastooriya
कौन है जो तुम्हारी किस्मत में लिखी हुई है
कौन है जो तुम्हारी किस्मत में लिखी हुई है
कवि दीपक बवेजा
2769. *पूर्णिका*
2769. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#drarunkumarshastriblogger
#drarunkumarshastriblogger
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पुरुषो को प्रेम के मायावी जाल में फसाकर , उनकी कमौतेजन्न बढ़
पुरुषो को प्रेम के मायावी जाल में फसाकर , उनकी कमौतेजन्न बढ़
पूर्वार्थ
कौन सुने फरियाद
कौन सुने फरियाद
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
होता है सबसे बड़ा, सदा नियति का खेल (कुंडलिया)
होता है सबसे बड़ा, सदा नियति का खेल (कुंडलिया)
Ravi Prakash
महापुरुषों की सीख
महापुरुषों की सीख
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...