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24 Jul 2019 · 1 min read

नज़रों में नहीं गिरता

झुक जाता हूँ मगर पैरों में नहीं गिरता
नज़र में रहता हूँ नज़रों में नहीं गिरता

हमेशा रहता है माँ की दुआ का साया
थक जाता हूँ मगर रास्तों में नहीं गिरता

रिश्तों की कसौटी पर ऐसा फूल हूँ मैं
कभी टूटा भी तो गैरों में नहीं गिरता

जिसको जुनून है मुझे बरबाद करने का
मैं फिर भी उसकी नफ़रतों में नहीं गिरता

मुझे तोड़ने वाले मेरा हौसला देख
कभी टूटा भी तो टुकड़ों में नहीं गिरता

वो खुदगर्ज़ लोग थे इस कदर गिरे सागर
इतना तो दोनों जहानों में नहीं गिरता

सागर

Language: Hindi
1 Like · 179 Views
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