नज़रिया
नज़रिया
किसी के नज़रिए को गलत ठहराने से पहले,,
अपने ही नज़रिए को तोल नाप लेना।।।।।।
हर किसी का अंदाज़ कुछ अलग खास होता है।।।।
इस ओर अपना जरा सा रुख़ मोड़ लेना।।।
तारीफों के पुल तो सभी बांधते ही है।।।।।
थोड़ा अपनी भी कलम को समझा लेना,।।।।
नही किसी का मकसत दिल दुखाने का यहाँ
इस बात को दिल मे सब उतार लेना।।।।।
अहम का नही कोई ठिकाना नही जहाँ में दोस्तों।।
इससे जरा खुद को बचा ही लेना।।
हर किसी की अपनी मजबूरियां है दुनियां में।।।।
उसे अपने ही तरीके से मत देख लेना।।।।
गरीबों की बराबरी अमीरों से न कभी करना,,,,
मुश्किलों में साथ निभाये वही सच्चा नेक जान लेना।।।।।
रचनाकार गायत्री सोनू जैन
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