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21 Apr 2020 · 1 min read

नज़म

नज़्म
हम याद करेंगे याद करेंगे
जिंदा हैं जब तक याद करेंगे हम याद करेंगे याद करेंगे
कुछ न कहेंगे याद करेंगे , हम याद करेंगे

बढ़ती हुई तकरारों को, शव्दों की तलवारों को
बहमों के अम्वारों को दुश्मन की ललकारों को
हम याद करेंगे हम याद करेंगे
लुटते हुए घर बारों को हम याद करेंगे हम याद करेंगे

दर्द के इन सायों को अपने उन सब परायों को
विदा होती चाहों को दूर जाती उन राहों को
हम याद करेंगे हम याद करेंगे
दिल तोड़ती इन आहों को हम याद करेंगे हम याद करेंगे

आँख से बहते पानी को जख्मों की इस कहानी को
उनकी उस मनमानी को या अपनी ही नादानी को
हम याद करेंगे हम याद करेंगे
जान लेवा परेशानी को हम याद करेंगे हम याद करेंगे

उनके इन संस्कारों को वो दिल चीरते इशारों को
पहले किये करारों को या धधके हुए अंगारों को
हम याद करेंगे हम याद करेंगे
चुभते हुए इन खारों को हम याद करेंगे हम याद करेंगे

नदिया की इन धारों को कटते हुए किनारों को
साँपो सी फुफकारों को, साँय साँय करती मझधारों को
हम याद करेंगे हम याद करेंगे
टूटी हुई पतवारों को हम याद करेंगे हम याद करेंगे

सुरेश भारद्वाज निराश
धर्मशाला

Language: Hindi
358 Views
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