Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jun 2020 · 1 min read

न्यूज चैनल

कहीं अखाड़ा खुदता है तो कहीं दंगल लड़ी जाती है
रात नौ बजे सारे प्राईम टाईम के कुरूक्षेत्र पर
यही ललकार लगाई जाती है ,
कि मुद्दा गरम है और ताल ठोकते हैं
हर खबर सबसे पहले हमीं तो कहते हैं
महाभारत हल्दीघाटी और पानीपत तो
सब बेकार का युद्ध था
असली युद्ध तो हम न्यूज़ चैनल पे लड़ते हैं ,
देखिये हमारी ताकत को
की कैसे हम झूठ को सच में बदलते हैं
और जो सच आप देखना चाहते हैं
उसको तो हम अपनी जेब में रखते हैं ,
और तो और
जिनको हम टीवी पर आपस में लड़वाते हैं
एक दूसरे का गिरेबान तक पकड़वाते हैं
बाहर निकल कर वो आपस में
गले मिलते नज़र आते हैं ,
बेवकूफ तो जनता है
जो हर घंटे बेवकूफ बनती है
जो हम दिखाते हैं
उसी को सच समझती है ,
इनकी नासमझी पर हम
बार – बार मर मिटते हैं
क्यों ना मर मिटें ?
इनकी इसी नासमझी से ही तो
हमारे न्यूज़ चैनल चलते हैं ।

स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 10/12/2019 )

Language: Hindi
2 Likes · 4 Comments · 176 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mamta Singh Devaa
View all
You may also like:
मैं कितना अकेला था....!
मैं कितना अकेला था....!
भवेश
हरि लापता है, ख़ुदा लापता है
हरि लापता है, ख़ुदा लापता है
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
करके कोई साजिश गिराने के लिए आया
करके कोई साजिश गिराने के लिए आया
कवि दीपक बवेजा
सच्चाई ~
सच्चाई ~
दिनेश एल० "जैहिंद"
जीवन का अंत है, पर संभावनाएं अनंत हैं
जीवन का अंत है, पर संभावनाएं अनंत हैं
Pankaj Sen
मतलबी इंसान हैं
मतलबी इंसान हैं
विक्रम कुमार
कल देखते ही फेरकर नजरें निकल गए।
कल देखते ही फेरकर नजरें निकल गए।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
"ले जाते"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम जिसे झूठ मेरा कहते हो
तुम जिसे झूठ मेरा कहते हो
Shweta Soni
सन्देश खाली
सन्देश खाली
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
Indulge, Live and Love
Indulge, Live and Love
Dhriti Mishra
शाकाहारी जिंदगी, समझो गुण की खान (कुंडलिया)
शाकाहारी जिंदगी, समझो गुण की खान (कुंडलिया)
Ravi Prakash
जीवन में ऐश्वर्य के,
जीवन में ऐश्वर्य के,
sushil sarna
*मर्यादा*
*मर्यादा*
Harminder Kaur
कविता - नदी का वजूद
कविता - नदी का वजूद
Akib Javed
Helping hands🙌 are..
Helping hands🙌 are..
Vandana maurya
डा. अम्बेडकर बुद्ध से बड़े थे / पुस्तक परिचय
डा. अम्बेडकर बुद्ध से बड़े थे / पुस्तक परिचय
Dr MusafiR BaithA
आत्मबल
आत्मबल
Punam Pande
एक हसीं ख्वाब
एक हसीं ख्वाब
Mamta Rani
कैसा गीत लिखूं
कैसा गीत लिखूं
नवीन जोशी 'नवल'
*मौसम बदल गया*
*मौसम बदल गया*
Shashi kala vyas
हिन्द के बेटे
हिन्द के बेटे
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
नियम, मर्यादा
नियम, मर्यादा
DrLakshman Jha Parimal
खुश-आमदीद आपका, वल्लाह हुई दीद
खुश-आमदीद आपका, वल्लाह हुई दीद
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
2413.पूर्णिका
2413.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
देखी नहीं है कोई तुम सी, मैंने अभी तक
देखी नहीं है कोई तुम सी, मैंने अभी तक
gurudeenverma198
सौगंध
सौगंध
Shriyansh Gupta
💐प्रेम कौतुक-233💐
💐प्रेम कौतुक-233💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
पंचचामर छंद एवं चामर छंद (विधान सउदाहरण )
पंचचामर छंद एवं चामर छंद (विधान सउदाहरण )
Subhash Singhai
🥀✍ *अज्ञानी की*🥀
🥀✍ *अज्ञानी की*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Loading...