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9 Nov 2016 · 1 min read

नोट बने कागज के पत्ते

हर गली और हर नुक्कड़ पर
आज यही एक शोर है ,
नोट बने कागज के पत्ते
फुटकर बन गए सिरमौर हैं ।

बच्चों की गुल्लक खर्च उठाए
तिजोरी बनी आज चोर है।
पूजी जाती थी जो लक्ष्मी सम
अब चलता न उसका जोर है ।

नोटों की चतुरंगिणी सेना में
कल तक थे जो राजा रानी ,
विधि की मार पड़ी ऐसी देखो
पीये न उनसे आज कोई पानी ।

डॉ रीता
आया नगर,नई दिल्ली ।

Language: Hindi
463 Views
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