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18 Nov 2016 · 1 min read

नोट बदल गये देश बदलेगा

सुबहा से उठकर लाइन में लग गये शाम को मेरा नम्बर आया ।
खुशी के मारे उछल पड़ा मैं नया नोट जब हाथ में पाया ॥
कैसी कैसी कठिनाई थी किसी को यह बतला नहीँ पाया ।
लाइन छोड़ कहीँ जा नहीँ पाया पूरे दिन कुछ खा नहीँ पाया ॥
मेरा मिशन था नोट बदलना लगा पहाड़ मैं चढ़ कर आया ।
वो निकला है देश बदलने अब जाकर मै समझ यह पाया ॥
कितना कठिन यह निर्णय होगा जिसका उसने बीड़ा उठाया ।
सारे दुश्मन मिल गये उसके टस से मस कोई कर नहीँ पाया ॥
बदल रहा है देश मेरा यह मेरी तो यह समझ में आया ।
तुम भी समझ जाओगे यदि जो तुमने उसका साथ निभाया ॥

विजय बिज़नोरी

Language: Hindi
3 Likes · 527 Views
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