नेह
नेह की परिभाषा क्या है ?
नेह की अभिलाषा क्या है ?
नेह बगिया में खिलता फूल
नेह मानव की प्यारी भूल ।
नेह ही नेह का है अहसास
नेह ,अतृप्त रहने वाली प्यास ।
नेह है निधियों का एक रूप
जिसकी हर प्राणी को तृष्णा ,
नेह है एक राधा नाम
जहाँ सदा बसते हैं कृष्णा ।
नेह माँ की ममता की छाँव
नेह पापा का आशीर्वाद ,
नेह भाई – बहन का प्यार
नेह है दुनिया का आधार ।
नेह मन से मन का है जोड़ ,
नेह जन्म जन्मान्तर की डोर ।
नेह बिना जीवन अपूर्ण
नेह नेह से मिलकर पूर्ण ।
नेह गौरी शिव का मिलन ,
नेह राम सिया का धन ।
नेह राधा कृष्णा का नाम
नेह कमला विष्णु का धाम ।
नेह का नेह से मिल जाना
नेह की सच्ची परिभाषा है ।
नेह का हर घर बस जाना
नेह की ये ही अभिलाषा है ।
डॉ रीता
आया नगर , नयी दिल्ली – 47