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22 Sep 2019 · 1 min read

नेताओं की रीत पुरानी

हाथ जुड़े द्वार मुलाकातें,वादों की करना बरसातें।
सपनों की देना सौग़ातेंं,नेताओं की रीत पुरानी।।

सोच बड़ी तुम अपनी रखना,
कथनी करनी दोनों लखना,
हाथ तुम्हारे अब बाज़ी है,
लोभ ज़रा भी तुम मत करना,
ताक़त रण में जो बन जाते,दुश्मन को जो मार भगाते।
वीर वही तो हैं कहलाते,ये है अच्छी जीत कहानी।।
सपनों की देना सौग़ातें,नेताओं की रीत पुरानी।।

भेद भुलाकर जो काम करे,
प्रजा हित रोज सलाम करे,
एक बनाकर रखले सबको,
सबका ऊँचा जो नाम करे,
औक़ात नहीं जीत दिखाते,जनता को जो मीत बनाते।
सत्ता में फिर-फिर वो आते,जिनकी सच्ची एक ज़ुबानी।
सपनों की देना सौग़ातें,नेताओं की रीत पुरानी।।

वोट तुम्हारी वो ताक़त है,
मिटता नेता जो आफ़त है,
खुद की ही बस पहचान करो,
फ़र्ज़ तुम्हारा ये नैतिक है,
सीख खुदी जो बोल सिखाते,सबके मन को हैं वो भाते।
ऊँचे से ऊँचा पद पाते,जागों की है यही निशानी।
सपनों की देना सौग़ातें,नेताओं की रीत पुरानी।।

–आर.एस.प्रीतम
सर्वाधिकार सुरक्षित–radheys581@gmail.com

Language: Hindi
Tag: गीत
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