Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jan 2019 · 1 min read

नील गगन

विषय- नील गगन!
विधा – विधाता छंद !
विधान – २८ मात्रा, १४- १४ मात्रा पर यति,चार चरण, दो दो चरण समतुकांत, अंत गुरु गुरु !
( १,८,१५ व २२ वी मात्रा लघु)
1222 1222 1222 1222

गगन अब नील रंगा हैं, नशे में होश खोया हैं!
घनी कालीस की रातें , नज़ारा बे ख़ुदी का हैं!
उसी में चमकता प्यारा, लुभाता चाँद न्यारा हैं!
घुला है प्यार प्यालों में, बग़ावत का इरादा है!!१

जुड़े नक्षत्र भी आकर , बना ब्रह्मांड सारा हैं!
खगोलीय नभ जैसे ही, हमारा प्राण प्यारा हैं!
बहारों ने चुराई हैं, सदा ऊर्जा उजाले की !
वही रजनी रही शीतल,प्रभा ले चंद्र वाले की !!२

सुहानी चाँदनी रातें, टपकती ओंस की बूँदें!
निहारूँ रूप मैं तेरा, भला तूँ नैन क्यों मूँदे!
चमकती नूर की बिजली, गगन का चाँद आया है!
बढ़ा है ख्वाब चेतन में, ज़रा सा प्रेम पाया है !!३

सुनों साथी कहानी भी, उषा तेरी निशानी है!
प्रभा की रश्मियों से भी,निशा ख़ूबी विरानी हैं!
हमें संसार देते हो , दिवा सौन्दर्य होता है !
भरे आकाश में नीला, दुपट्टा साथ होता हैं!!४

छगन लाल गर्ग विज्ञ!

735 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गम के पीछे ही खुशी है ये खुशी कहने लगी।
गम के पीछे ही खुशी है ये खुशी कहने लगी।
सत्य कुमार प्रेमी
भैतिक सुखों का आनन्द लीजिए,
भैतिक सुखों का आनन्द लीजिए,
Satish Srijan
शातिर दुनिया
शातिर दुनिया
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
सिर्फ तेरे चरणों में सर झुकाते हैं मुरलीधर,
सिर्फ तेरे चरणों में सर झुकाते हैं मुरलीधर,
कार्तिक नितिन शर्मा
नील गगन
नील गगन
नवीन जोशी 'नवल'
"चाह"
Dr. Kishan tandon kranti
विचार, संस्कार और रस-4
विचार, संस्कार और रस-4
कवि रमेशराज
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
राम नाम
राम नाम
पंकज प्रियम
*अपने पैरों खड़ी हो गई (बाल कविता)*
*अपने पैरों खड़ी हो गई (बाल कविता)*
Ravi Prakash
वतन की राह में, मिटने की हसरत पाले बैठा हूँ
वतन की राह में, मिटने की हसरत पाले बैठा हूँ
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
यह सब कुछ
यह सब कुछ
gurudeenverma198
नैतिकता ज़रूरत है वक़्त की
नैतिकता ज़रूरत है वक़्त की
Dr fauzia Naseem shad
दिल के जख्म
दिल के जख्म
Gurdeep Saggu
हार
हार
पूर्वार्थ
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मुर्दा समाज
मुर्दा समाज
Rekha Drolia
मन का महाभारत
मन का महाभारत
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
विचारों की आंधी
विचारों की आंधी
Vishnu Prasad 'panchotiya'
अर्जुन धुरंधर न सही ...एकलव्य तो बनना सीख लें ..मौन आखिर कब
अर्जुन धुरंधर न सही ...एकलव्य तो बनना सीख लें ..मौन आखिर कब
DrLakshman Jha Parimal
Gazal
Gazal
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
स्त्री
स्त्री
Shweta Soni
भ्रष्टाचार और सरकार
भ्रष्टाचार और सरकार
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
एक डरा हुआ शिक्षक एक रीढ़विहीन विद्यार्थी तैयार करता है, जो
एक डरा हुआ शिक्षक एक रीढ़विहीन विद्यार्थी तैयार करता है, जो
Ranjeet kumar patre
■ जवाब दें ठेकेदार...!!
■ जवाब दें ठेकेदार...!!
*Author प्रणय प्रभात*
2979.*पूर्णिका*
2979.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
एहसासों से भरे पल
एहसासों से भरे पल
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
सुबह सुबह घरवालो कि बाते सुनकर लगता है ऐसे
सुबह सुबह घरवालो कि बाते सुनकर लगता है ऐसे
ruby kumari
धर्म खतरे में है.. का अर्थ
धर्म खतरे में है.. का अर्थ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
नए मौसम की चका चोंध में देश हमारा किधर गया
नए मौसम की चका चोंध में देश हमारा किधर गया
कवि दीपक बवेजा
Loading...