नीयत तो मेरी पाक – साफ़ थी
1.
नीयत तो मेरी पाक – साफ़ थी
ऐ मेरे खुदा
न जाने क्यों मुझे
तेरा सहारा न मिला
2.
पाकीज़गी अता कर , कुछ पैगाम दे
ऐ मेरे खुदा
मैं तेरा पैगाम
सारे जहां तक पहुँचाना चाहता हूँ
1.
नीयत तो मेरी पाक – साफ़ थी
ऐ मेरे खुदा
न जाने क्यों मुझे
तेरा सहारा न मिला
2.
पाकीज़गी अता कर , कुछ पैगाम दे
ऐ मेरे खुदा
मैं तेरा पैगाम
सारे जहां तक पहुँचाना चाहता हूँ