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20 Apr 2021 · 1 min read

निशानियां कुछ ऐसी —– प्यार था — मुक्तक

निशानियां कुछ ऐसी दिल में तुम्हारे छोड़ जाऊंगा।
भूलना चाहोगे लाख याद बार-बार आऊंगा।
लगे कभी फिर से जरूरत पुकारना दिल के किसी कोने से,
सुन लेगा दिल आहट तुम्हारी,रहोगे जहां वही चला आऊंगा।।

**********************************************
प्यार था प्यार है प्यार ही रहेगा जमाने में यारा।
प्यार फकत लब्ज़ नहीं,प्यार से बसा संसार ये सारा।
न बांध बैठना प्यार को किसी एक दायरे में,
चाहत”अनुनय” की,प्यार से ही हो सबका गुजारा।।

राजेश व्यास “अनुनय”

Language: Hindi
2 Likes · 4 Comments · 256 Views
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