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29 Oct 2020 · 1 min read

” निर्ममता “

आह ! इतना निर्मम अत्याचार
फूल से कोमल हाथ
इन हाथों को देना था
कलम – दवात का साथ ,

लेकर इन हाथों से खिलौने
रख दिया इटों का भार
इन मासूमों को देख कर
दुखता नही हृदय अपार ?

हम इनकी खा गये भूख
इनका लील गये चैन
फिर भी देखो हमको
होते नही तनिक बेचैन ,

ये भविष्य हैं हम सबका
उसी को हमने नाश कर दिया
छिन कर इनका बचपन
अपना सर्वनाश कर दिया ।

स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 25/09/2020 )

Language: Hindi
208 Views
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