Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Sep 2016 · 1 min read

निर्दोष बेजुबां का लाल खून….

निर्दोष बेजुबां पर
चली होगी जब कटार
तड़पा होगा
बदन उसका
दिल भी रोया होगा,
धरती हो गयी लाल
उस खून से
जो उस बेगुनाह से निकला होगा,
उस मासूम बेजुबां का
इंसान से एक सवाल
खून तेरा भी लाल है
खून मेरा भी लाल है,
मैं जानवर ही सही बस नाम का
मुझको न काटो
इंसान से तो अच्छा हूँ
कि नहीं भटकता
अंधविश्वास की गंदी गलियो में,
मिटा सकते हो तो मिटा दो
उस क्रूरता के जानवर को
उसके नाम निशां को
जो पाल रखा है सदियो से
ज़ेहन की क्रूर गलियो में,
मांग रहा निर्दोष लाल खून
अब इंसाफ है,
गुनाहगार कौन
बिलकुल पाक साफ है,
जो करेगा सो भरेगा
कुदरत के यहाँ इंसाफ है
कुदरत के यहाँ इंसाफ है।।

^^^^^^दिनेश शर्मा^^^^^^

Language: Hindi
472 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मासूमियत
मासूमियत
Punam Pande
नवल प्रभात में धवल जीत का उज्ज्वल दीप वो जला गया।
नवल प्रभात में धवल जीत का उज्ज्वल दीप वो जला गया।
Neelam Sharma
"ईमानदारी"
Dr. Kishan tandon kranti
"दोस्ती क्या है?"
Pushpraj Anant
सँविधान
सँविधान
Bodhisatva kastooriya
देर तक मैंने आईना देखा
देर तक मैंने आईना देखा
Dr fauzia Naseem shad
माँ शेरावली है आनेवाली
माँ शेरावली है आनेवाली
Basant Bhagawan Roy
तुम इतना सिला देना।
तुम इतना सिला देना।
Taj Mohammad
चतुर लोमड़ी
चतुर लोमड़ी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
राष्ट्र निर्माता शिक्षक
राष्ट्र निर्माता शिक्षक
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
रैन बसेरा
रैन बसेरा
Shekhar Chandra Mitra
नहीं है पूर्ण आजादी
नहीं है पूर्ण आजादी
लक्ष्मी सिंह
एक ग़ज़ल यह भी
एक ग़ज़ल यह भी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
स्वभाव
स्वभाव
अखिलेश 'अखिल'
प्रेम में डूबे रहो
प्रेम में डूबे रहो
Sangeeta Beniwal
धन की खाई कमाई से भर जाएगी। वैचारिक कमी तो शिक्षा भी नहीं भर
धन की खाई कमाई से भर जाएगी। वैचारिक कमी तो शिक्षा भी नहीं भर
Sanjay ' शून्य'
गुरुजन को अर्पण
गुरुजन को अर्पण
Rajni kapoor
आपस की गलतफहमियों को काटते चलो।
आपस की गलतफहमियों को काटते चलो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
दिनकर की दीप्ति
दिनकर की दीप्ति
AJAY AMITABH SUMAN
"मुखौटे"
इंदु वर्मा
रंगों का त्योहार है होली।
रंगों का त्योहार है होली।
Satish Srijan
আমায় নূপুর করে পরাও কন্যা দুই চরণে তোমার
আমায় নূপুর করে পরাও কন্যা দুই চরণে তোমার
Arghyadeep Chakraborty
लोकतंत्र
लोकतंत्र
Sandeep Pande
23/200. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/200. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*** पल्लवी : मेरे सपने....!!! ***
*** पल्लवी : मेरे सपने....!!! ***
VEDANTA PATEL
कविता
कविता
Shyam Pandey
मेरी सोच~
मेरी सोच~
दिनेश एल० "जैहिंद"
दोहा मुक्तक -*
दोहा मुक्तक -*
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
*खाते नहीं जलेबियॉं, जिनको डायबिटीज (हास्य कुंडलिया)*
*खाते नहीं जलेबियॉं, जिनको डायबिटीज (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ख़ुद लड़िए, ख़ुद जीतिए,
ख़ुद लड़िए, ख़ुद जीतिए,
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...