Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Oct 2016 · 1 min read

नित

लड़की नित आगे बढ़े , लड़के करें न काम ।
मान भंग हो कुल का , अपना डूबे नाम ।।

सहज स्वभाव साथ ले , आगे बढ़ती नारि ।
साक्षी सिंधु है मान , देश पर जाए वारि ।।

Language: Hindi
69 Likes · 553 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
रिश्ते
रिश्ते
Shutisha Rajput
बचपन में थे सवा शेर जो
बचपन में थे सवा शेर जो
VINOD CHAUHAN
कुछ मज़ा ही नही,अब जिंदगी जीने मैं,
कुछ मज़ा ही नही,अब जिंदगी जीने मैं,
गुप्तरत्न
"पकौड़ियों की फ़रमाइश" ---(हास्य रचना)
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
तुम्हें क्या लाभ होगा, ईर्ष्या करने से
तुम्हें क्या लाभ होगा, ईर्ष्या करने से
gurudeenverma198
अश्रुऔ की धारा बह रही
अश्रुऔ की धारा बह रही
Harminder Kaur
आईने से बस ये ही बात करता हूँ,
आईने से बस ये ही बात करता हूँ,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
समंदर में नदी की तरह ये मिलने नहीं जाता
समंदर में नदी की तरह ये मिलने नहीं जाता
Johnny Ahmed 'क़ैस'
कर्म रूपी मूल में श्रम रूपी जल व दान रूपी खाद डालने से जीवन
कर्म रूपी मूल में श्रम रूपी जल व दान रूपी खाद डालने से जीवन
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
बड़ा आदमी (हास्य व्यंग्य)
बड़ा आदमी (हास्य व्यंग्य)
Ravi Prakash
2315.पूर्णिका
2315.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मौत के बाज़ार में मारा गया मुझे।
मौत के बाज़ार में मारा गया मुझे।
Phool gufran
सजी सारी अवध नगरी , सभी के मन लुभाए हैं
सजी सारी अवध नगरी , सभी के मन लुभाए हैं
Rita Singh
सोहनी-महिवाल
सोहनी-महिवाल
Shekhar Chandra Mitra
दोहे - नारी
दोहे - नारी
sushil sarna
अगर आप हमारी मोहब्बत की कीमत लगाने जाएंगे,
अगर आप हमारी मोहब्बत की कीमत लगाने जाएंगे,
Kanchan Alok Malu
■दोहा■
■दोहा■
*Author प्रणय प्रभात*
धन्य होता हर व्यक्ति
धन्य होता हर व्यक्ति
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
आज इस देश का मंजर बदल गया यारों ।
आज इस देश का मंजर बदल गया यारों ।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
कोशिस करो कि दोगले लोगों से
कोशिस करो कि दोगले लोगों से
Shankar N aanjna
"प्रकृति की ओर लौटो"
Dr. Kishan tandon kranti
कहानी इश्क़ की
कहानी इश्क़ की
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
हमसफर
हमसफर
लक्ष्मी सिंह
कलम बेच दूं , स्याही बेच दूं ,बेच दूं क्या ईमान
कलम बेच दूं , स्याही बेच दूं ,बेच दूं क्या ईमान
कवि दीपक बवेजा
कर्णधार
कर्णधार
Shyam Sundar Subramanian
कभी मायूस मत होना दोस्तों,
कभी मायूस मत होना दोस्तों,
Ranjeet kumar patre
ज्यों ही धरती हो जाती है माता
ज्यों ही धरती हो जाती है माता
ruby kumari
खुद को परोस कर..मैं खुद को खा गया
खुद को परोस कर..मैं खुद को खा गया
सिद्धार्थ गोरखपुरी
लाईक और कॉमेंट्स
लाईक और कॉमेंट्स
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...