Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Oct 2020 · 1 min read

नितिका हत्याकांड

********* निकिता हत्याकांड ***********
***********************************

हरियाणा में प्रतिदिन घट रहे हैं नये नये कांड
दिनदहाड़े खुली सड़क पर निकिता हत्याकांड

मुख्मयंत्री मौन है और गृहमंत्री हो गया गौण
खूब आवारा घूम रहे राहों पर करते गोलीकांड

लूटपाट की घटनाएँ घटित होती हैं सरेआम
सरकार तमाशा देख रही है बन कर जैसे भाँड

कानूनी व्यवस्था ठप्प पड़ी,बंद सरकारी काम
चोर लूटरे आजाद है जनता का हो रहा रिमांड

दिन दोगुनी रात चौगुनी उन्नति करते अपराध
जगह जगह पर हो रहे प्रदेश में घिनौने कांड

जनता की समस्याओं पर नहीं सरकार ध्यान
खूब दूध मलाई खा रहे है नेतागण संग खांड

अपनी अपनी बांसुरी और गाते हैं निज राग
जनता जाए भाड़ में वजीरों का हुआ ब्रह्मांड

मनसीरत दूर खड़ा देखता हो गई काली दाल
सफेदपोश बाँट बाँट खा रहे जैसे खुले सांड
**********************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
1 Like · 230 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आज का नेता
आज का नेता
Shyam Sundar Subramanian
मोहे हिंदी भाये
मोहे हिंदी भाये
Satish Srijan
जब जब तुम्हे भुलाया
जब जब तुम्हे भुलाया
Bodhisatva kastooriya
साथ
साथ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"आकुलता"- गीत
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
गुरु
गुरु
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
माँ
माँ
Arvina
*खुशबू*
*खुशबू*
Shashi kala vyas
जब मैसेज और काॅल से जी भर जाता है ,
जब मैसेज और काॅल से जी भर जाता है ,
Manoj Mahato
तोलेंगे सब कम मगर,
तोलेंगे सब कम मगर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ये आंखों से बहती अश्रुधरा ,
ये आंखों से बहती अश्रुधरा ,
ज्योति
💐प्रेम कौतुक-333💐
💐प्रेम कौतुक-333💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जिंदगी का हिसाब
जिंदगी का हिसाब
Surinder blackpen
बेवकूफ
बेवकूफ
Tarkeshwari 'sudhi'
व्याकरण पढ़े,
व्याकरण पढ़े,
Dr. Vaishali Verma
गीत गाऊ
गीत गाऊ
Kushal Patel
सावरकर ने लिखा 1857 की क्रान्ति का इतिहास
सावरकर ने लिखा 1857 की क्रान्ति का इतिहास
कवि रमेशराज
*स्मृति: शिशुपाल मधुकर जी*
*स्मृति: शिशुपाल मधुकर जी*
Ravi Prakash
3027.*पूर्णिका*
3027.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हर सीज़न की
हर सीज़न की
*Author प्रणय प्रभात*
ज़िन्दगी में किसी बड़ी उपलब्धि प्राप्त करने के लिए
ज़िन्दगी में किसी बड़ी उपलब्धि प्राप्त करने के लिए
Paras Nath Jha
"अवशेष"
Dr. Kishan tandon kranti
किसकी कश्ती किसका किनारा
किसकी कश्ती किसका किनारा
डॉ० रोहित कौशिक
जो समाज की बनाई व्यस्था पे जितना खरा उतरता है वो उतना ही सम्
जो समाज की बनाई व्यस्था पे जितना खरा उतरता है वो उतना ही सम्
Utkarsh Dubey “Kokil”
सारा दिन गुजर जाता है खुद को समेटने में,
सारा दिन गुजर जाता है खुद को समेटने में,
शेखर सिंह
तालाश
तालाश
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
🌺हे परम पिता हे परमेश्वर 🙏🏻
🌺हे परम पिता हे परमेश्वर 🙏🏻
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
भीड़ में हाथ छोड़ दिया....
भीड़ में हाथ छोड़ दिया....
Kavita Chouhan
दुनिया की कोई दौलत
दुनिया की कोई दौलत
Dr fauzia Naseem shad
एक कुआ पुराना सा.. जिसको बने बीत गया जमाना सा..
एक कुआ पुराना सा.. जिसको बने बीत गया जमाना सा..
Shubham Pandey (S P)
Loading...