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3 Oct 2019 · 1 min read

निःशब्द एक भाषा

कह देते है
निःशब्द भी
बहुत कुछ
मौन रह
कर भी
हो जाते है
निष्ठुर कभी
संवेदनहीन कभी
आंसुओं में
खो जाते हैं कभी

है निःशब्द
विचित्र
कहानी तेरी
बंद मुंह
से कह जाती है
दास्ताँ अपनी
वो अपने परिवार
को समर्पित नारी

जिन्दगी भर
निःशब्द रहती है माँ
सिखाती है
शब्द बच्चों को
वही अपमानजनक शब्द
जब कहते हैं बच्चे
टूट जाती है वो

स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Language: Hindi
1 Like · 165 Views
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