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19 Aug 2016 · 1 min read

ना हम ञिशूल तलवारें ना ही पिस्तौल वाले हैं

ना हम ञिशूल तलवारें ना ही पिस्तौल वाले हैं
अलग माहौल है अपना अलग माहौल वाले हैं
—–
फक़ीरी मैं फकीराना कोई अपना ना बेगाना
उलझयेगा नही हमसे कि हम कश्कोल वाले हैं
——
सभी हम जैसे सादा दिल नही रहते हैं बस्ती मैं
कईं चेहरे तो नकली हैं नक़ाबी खौल वाले हैं
—-

नासिर राव

2 Comments · 540 Views
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