Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Mar 2020 · 1 min read

नारी

१.
वैसे तो दोनों की समाज में बराबरी।
एक को पुरुष कहें दूसरी को हैं नारी।
शक्ति-रूप नारी है सृष्टि-रूप है नारी।
माँ-बहन-बेटी, बीबी का रूप है नारी।
नारी न होती तो नर अस्तित्व न होता।
न होता ये समाज न संसार ही होता।
अनमोल विधाता का उपहार है नारी।
२.
सफल समाज बनाना है तो,
नारी का सम्मान करो।
नारी सुयोग्य बनाना है तो,
बचपन शिक्षा का ध्यान धरो।
वह अक्षर-अभिलाषी है,
अमृत पान की प्यासी है।
नारी भावनाओं का मान करो।
३.
वह गीता पुराण रामायण है,
वेदों का सकल शुभ गायन है।
वह भक्ति है, वह शक्ति है,
सकल विषय अनुरक्ति है।
नारी राधा – अनुराधा है।
परिवार सकल मर्यादा है।
‘मयंक’ नारी का ध्यान धरो।

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 302 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Pata to sabhi batate h , rasto ka,
Pata to sabhi batate h , rasto ka,
Sakshi Tripathi
बोलने से सब होता है
बोलने से सब होता है
Satish Srijan
तुम जिसे झूठ मेरा कहते हो
तुम जिसे झूठ मेरा कहते हो
Shweta Soni
दुनिया का क्या दस्तूर बनाया, मरे तो हि अच्छा बतलाया
दुनिया का क्या दस्तूर बनाया, मरे तो हि अच्छा बतलाया
Anil chobisa
मुक्तक
मुक्तक
दुष्यन्त 'बाबा'
कहानी ( एक प्यार ऐसा भी )
कहानी ( एक प्यार ऐसा भी )
श्याम सिंह बिष्ट
बेचारा प्रताड़ित पुरुष
बेचारा प्रताड़ित पुरुष
Manju Singh
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
Shekhar Chandra Mitra
दोस्ती
दोस्ती
Monika Verma
Success rule
Success rule
Naresh Kumar Jangir
ख्वाबों में मेरे इस तरह आया न करो,
ख्वाबों में मेरे इस तरह आया न करो,
Ram Krishan Rastogi
आज़ ज़रा देर से निकल,ऐ चांद
आज़ ज़रा देर से निकल,ऐ चांद
Keshav kishor Kumar
* प्रभु राम के *
* प्रभु राम के *
surenderpal vaidya
इंसान चाहे कितना ही आम हो..!!
इंसान चाहे कितना ही आम हो..!!
शेखर सिंह
दीन-दयाल राम घर आये, सुर,नर-नारी परम सुख पाये।
दीन-दयाल राम घर आये, सुर,नर-नारी परम सुख पाये।
Anil Mishra Prahari
मोबाइल महिमा
मोबाइल महिमा
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
मेरी फितरत है, तुम्हें सजाने की
मेरी फितरत है, तुम्हें सजाने की
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
کوئی تنقید کر نہیں پاتے ۔
کوئی تنقید کر نہیں پاتے ۔
Dr fauzia Naseem shad
शिव शून्य है,
शिव शून्य है,
पूर्वार्थ
शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ्य
शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ्य
Dr.Rashmi Mishra
Jeevan Ka saar
Jeevan Ka saar
Tushar Jagawat
संवेदना प्रकृति का आधार
संवेदना प्रकृति का आधार
Ritu Asooja
मेरी मजबूरी को बेवफाई का नाम न दे,
मेरी मजबूरी को बेवफाई का नाम न दे,
Priya princess panwar
कठिन परिश्रम साध्य है, यही हर्ष आधार।
कठिन परिश्रम साध्य है, यही हर्ष आधार।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
नूतन वर्ष
नूतन वर्ष
Madhavi Srivastava
तलाशता हूँ -
तलाशता हूँ - "प्रणय यात्रा" के निशाँ  
Atul "Krishn"
2434.पूर्णिका
2434.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"प्रतिष्ठा"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम ही रहते सदा ख्यालों में
तुम ही रहते सदा ख्यालों में
Dr Archana Gupta
#मुक्तक
#मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...