नारी
१.
वैसे तो दोनों की समाज में बराबरी।
एक को पुरुष कहें दूसरी को हैं नारी।
शक्ति-रूप नारी है सृष्टि-रूप है नारी।
माँ-बहन-बेटी, बीबी का रूप है नारी।
नारी न होती तो नर अस्तित्व न होता।
न होता ये समाज न संसार ही होता।
अनमोल विधाता का उपहार है नारी।
२.
सफल समाज बनाना है तो,
नारी का सम्मान करो।
नारी सुयोग्य बनाना है तो,
बचपन शिक्षा का ध्यान धरो।
वह अक्षर-अभिलाषी है,
अमृत पान की प्यासी है।
नारी भावनाओं का मान करो।
३.
वह गीता पुराण रामायण है,
वेदों का सकल शुभ गायन है।
वह भक्ति है, वह शक्ति है,
सकल विषय अनुरक्ति है।
नारी राधा – अनुराधा है।
परिवार सकल मर्यादा है।
‘मयंक’ नारी का ध्यान धरो।