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19 Nov 2017 · 1 min read

नारी

मत मुझे जान तू
कि मैं अबला हूँ
ना ही मुझे अकिंचन
समझ लेना तू
ना ही किसी के सहारे हूँ
ना किसी से भयभीत हूँ मैं
ना मुझे बेसहारा
समझ लेने की गलती करना तू
अपने कंधों पर दुनिया उठाये
खुद के पैरों में खड़ी हूँ मैं
आज हर जगह हूँ मैं
किसी से नही डरी हूं मैं

®आकिब जावेद

Language: Hindi
467 Views
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