नारी सुरक्षा व सम्मान हेतु देशवासियों से एक अपील ……अब नहीं तो कब जागोगे ? ( कविता )
अब नहीं जागोगे तो कब जागोगे ?
अपनी बेटियों के लिए होश में कब आओगे ?
बेटी किसी की भी हो क्या फर्क पड़ता है?,
हर बेटी हमारी आन है तुम कब मानोगे ?
बेटियाँ तो सबकी सांझी होती है औ जान भी ,
इनकी हिफाज़त तुम्हारा फर्ज़ है कब समझोगे ?
हादसा हो जाने के बाद हँगामा क्यों?किसलिए ?
आखिर यूं ही गफलत में तुम सदा पड़े रहोगे ?
और यह इंसाफ की भीख सरकार /अदालतों से क्यों ?
अपना हक़ समझकर कानून को अपने हाथ लोगे !!
उठो जागो और अपनी खुद्गर्जी से ऊपर उठो दोस्तों !
अपने देश की बहनों /बेटियों /माताओं के लिए हथियार उठाओ ,
मिट जाएंगे सब हैवान,दरिंदे ,पापी इस देश से तब ,
जब तुम हर एक बेटी /माँ /बहन के साथ खड़े हो जाओगे ।