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3 May 2020 · 1 min read

“नारी-सम्मान”

“नारी-सम्मान” #50 शब्दों की कहानी

पोती के जन्म पर उदास हुई पड़ोसन से बुजुर्ग दादी बोली!अफसोस क्यों करती हो?

नारी के बिना सृष्टि की कल्पना असंभव है,अनुभव कहता है!नारी परिवार की वह धुरी है, जो अपने प्रेम-स्नेह, करुणामई-भावनाओं से बचपन से लेकर बुढ़ापे तक परिवार को जोड़ती है!अब तो करें हर क्षेत्र में नारी-सम्मान ।

आरती अयाचित
स्वरचित एवं मौलिक

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 264 Views
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