Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Mar 2017 · 1 min read

नारी शक्ति

नारी फौलादी समझ, सुकुमारि नही मान
उमा रमा सीता सती, …रानी झाँसी जान
रानी झाँसी जान…,.. मान मत यूँ बेचारी
आती अपनी आन,… तानती देख कटारी
कह रजनी हर्षाय, ….जने ये दुनियाँ सारी
गोद खिलाये ब्रह्म, ..धन्य भारत की नारी
#रजनी

1 Comment · 395 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
23/78.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/78.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तिरंगा
तिरंगा
Neeraj Agarwal
** शिखर सम्मेलन **
** शिखर सम्मेलन **
surenderpal vaidya
ज़हन खामोश होकर भी नदारत करता रहता है।
ज़हन खामोश होकर भी नदारत करता रहता है।
Phool gufran
जीवन चक्र में_ पढ़ाव कई आते है।
जीवन चक्र में_ पढ़ाव कई आते है।
Rajesh vyas
ऐसे कैसे छोड़ कर जा सकता है,
ऐसे कैसे छोड़ कर जा सकता है,
Buddha Prakash
अब उठो पार्थ हुंकार करो,
अब उठो पार्थ हुंकार करो,
अनूप अम्बर
पत्रकार
पत्रकार
Kanchan Khanna
महल था ख़्वाबों का
महल था ख़्वाबों का
Dr fauzia Naseem shad
******** प्रेरणा-गीत *******
******** प्रेरणा-गीत *******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
नारियों के लिए जगह
नारियों के लिए जगह
Dr. Kishan tandon kranti
इंद्रधनुष सा यह जीवन अपना,
इंद्रधनुष सा यह जीवन अपना,
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
*देना इतना आसान नहीं है*
*देना इतना आसान नहीं है*
Seema Verma
राधा और मुरली को भी छोड़ना पड़ता हैं?
राधा और मुरली को भी छोड़ना पड़ता हैं?
The_dk_poetry
सूरज की किरणों
सूरज की किरणों
Sidhartha Mishra
ग़रीबों को फ़क़त उपदेश की घुट्टी पिलाते हो
ग़रीबों को फ़क़त उपदेश की घुट्टी पिलाते हो
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दया के सागरः लोककवि रामचरन गुप्त +रमेशराज
दया के सागरः लोककवि रामचरन गुप्त +रमेशराज
कवि रमेशराज
*रोग से ज्यादा दवा, अब कर रही नुकसान है (हिंदी गजल)*
*रोग से ज्यादा दवा, अब कर रही नुकसान है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
ला मुरारी हीरो बनने ....
ला मुरारी हीरो बनने ....
Abasaheb Sarjerao Mhaske
दुनिया रैन बसेरा है
दुनिया रैन बसेरा है
अरशद रसूल बदायूंनी
"मेरी जिम्मेदारी "
Pushpraj Anant
■ सेवाएं ऑनलाइन भी उपलब्ध।
■ सेवाएं ऑनलाइन भी उपलब्ध।
*Author प्रणय प्रभात*
बाल एवं हास्य कविता: मुर्गा टीवी लाया है।
बाल एवं हास्य कविता: मुर्गा टीवी लाया है।
Rajesh Kumar Arjun
उड़ने का हुनर आया जब हमें गुमां न था, हिस्से में परिंदों के
उड़ने का हुनर आया जब हमें गुमां न था, हिस्से में परिंदों के
Vishal babu (vishu)
నమో సూర్య దేవా
నమో సూర్య దేవా
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
मां नही भूलती
मां नही भूलती
Anjana banda
चेहरे का यह सबसे सुन्दर  लिबास  है
चेहरे का यह सबसे सुन्दर लिबास है
Anil Mishra Prahari
तेरा होना...... मैं चाह लेता
तेरा होना...... मैं चाह लेता
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मुक्तक
मुक्तक
जगदीश शर्मा सहज
जनक देश है महान
जनक देश है महान
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...