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8 Mar 2019 · 1 min read

नारी तेरे रूप अनेक

जग को जीवन देने वाली एक नारी
मानव समुदाय के उद् भव का कारण भी एक नारी
श्रद्धा इच्छा मनु की पत्निया
जगत् जननी माँ दुर्गा देवी रुप में
सबका भरण पोषण करने वाली
अन्न धन से परिपूर्ण करने वाली भी
धरती माँ अबोध बालक को जन्म देकर
उसका अस्तित्व बनाने वाली माँ भी
एक नारी बालक की पृथम पाठशाला भी माँ
सबकी इच्छाओं को पुरी करने वाली
गृह जिम्मेदारी निभाने वाली एक नारी
ममता के रुप में भाई संग प्यार लुटाने वाली
हंसी ठिठोली करने बहन घर को स्वर्ग बनाने वाली
संस्कारों को कायम रखने वाली
निज इच्छाओं से परे रहकर
दुसरो की इच्छाओं की पूर्ति करने वाली
बहु के रूप में हर सुख दुःख में साथ निभाने वाली
पत्नी के रूप में एक नारी
उसके बिना तो मानव अस्तित्व ही नहीं
जन्म से लेकर मृत्यु तक
कभी माँ कभी बहन
कभी पत्नी चाची मामी भाभी बनकर
सभी रूपों में एक नारी
उसके बिना तो मानव अस्तित्व ही नहीं
कभी धरती माँ के रूप में
कभी माँ के रूप में
सभी रूपों में
फिर किस बात पर अपने को सर्वोपरि बता रहा तु मनुष्य
तेरा अस्तित्व नारी के बिना तो कुछ भी नहीं ।

Language: Hindi
Tag: लेख
3 Likes · 320 Views
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