नाराज लगते हो
जब तन्हाई में बोलते हो ,तो मेरी आवाज लगते हो।
जब हँसकर बोलते हो ,तो दिलखुश साज लगते हो।
आज तेवर तुम्हारे बदल गए हैं मौसम की तरह,
कुछ बात है क्या ?तुम मुझसे जरा नाराज लगते हो।
-सिद्धार्थ गोरखपुरी
जब तन्हाई में बोलते हो ,तो मेरी आवाज लगते हो।
जब हँसकर बोलते हो ,तो दिलखुश साज लगते हो।
आज तेवर तुम्हारे बदल गए हैं मौसम की तरह,
कुछ बात है क्या ?तुम मुझसे जरा नाराज लगते हो।
-सिद्धार्थ गोरखपुरी