— नाम में क्या रखा है —
जिस का नाम जवाला सिंह
उस की जवाला है कहाँ
इस सर्दी में देखो उस को
दो रजाई लेकर वो है पड़ा
कहते हैं उस को शेर सिंह
एक घुड़की में है डर रहा
किस बात का शेर है
डांट पड़ते ही भाग खड़ा
ग़लती से रखा होगा घर वालो ने
नाम से है वो तो रेखा
ऊपर से नीचे तक ढोल है
जिस दिन से मैने है उस को देखा
न जाने कैसे रखा नाम उस का सरदार
सर पर उस के एक बाल नही
जरा सा कह दो तू कैसा सरदार
कह देता है मैं तो खुद हूँ लाचार
नाम बड़े और दर्शन छोटे
ऐसे ऐसे बिन पैंदी के लोटे
देखकर आती है हसी सब को
न जाने कैसे इनके नाम हैं पड़े
अजीत कुमार तलवार
मेरठ